धान की पराली व फसलों के अवशेषों को आग लगाने पर लगाई गई पाबंदी

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। डिप्टी कमिश्नर-कम-जिला मजिस्ट्रेट अपनीत रियात ने फौजदारी संहिता 1973(1974 का एक्ट नंबर 2) की धारा 144 के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिले में धान की पराली व फसलों के अवशेषों को आग लगाने पर पाबंदी लगा दी है। जारी आदेशों में उन्होंने सांय 7 बजे से सुबह 10 बजे तक कंबाइनों के साथ धान काटने व बिना सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (एस.एम.एस) लगी कंबाइन से धान काटने पर भी पाबंदी लगा दी है। यह आदेश 22 नवंबर तक लागू रहेंगे। जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि वर्ष 2021 धान की कटाई का सीजन शुरु हो चुका है व यह आम देखने में आया है कि धान को काटने के लिए कंबाइने 24 घंटे काम करती हैं। उन्होंने कहा कि यह कंबाइने रात के समय ओस पडऩे के कारण गीली हुई धान को काट देती हैं। इस तरह धान में नमी सरकार की निर्धारित स्पैसिफिकेशन से ऊपर होती है व खरीद एजेंसियां धान को खरीदने में असमर्थ होती है, जिससे किसानों को धान बेचने में बिना वजह मंडियों में परेशान होना पड़ता है।  

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अपनीत रियात ने कहा कि यह भी देखने में आया है कि धान की कटाई के बाद पराली के अवशेषों को संबंधित मालिकों की ओर से आग लगा दी जाती है, जिससे नुकसान होने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने कहा कि हवा में धुएं के साथ प्रदूषण फैलता है, जिससे सांस की बीमारियां हो सकती है। उन्होंने कहा कि पराली के अवशेषों को आग लगाने से जमीन का उपयोगी जीवक मादा जो कि जमीन के लिए बहुत लाभदायक होता है, का भी नुकसान हो जाता है। इसके अलावा खेत के आस-पास खड़ी फसल या गांव में आग लगने का भी डर रहता है व सडक़ के पास अवशेषों को आग लगाने से यातायात में भी विघ्न पैदा होता है और हादसे का डर बना रहा है। उन्होंने बताया कि पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से भी कंबाइनों के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अटैच करने संबंधी निर्देश जारी किए गए हैं, जिसका यकीनी पालन बनाया जाए। उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ  नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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