सरकार और सरकारी तंत्र फेल, मंडी में जारी है गरीबों का आर्थिक शोषण: सचदेवा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। समाज चिंतक एवं समाज सेवी परमजीत सिंह सचदेवा द्वारा मंडी में वसूला जा रहा गुंडा टैक्स के विरोध में छेड़े गए अभियान के तहत उन्हें काफी सफलता मिली है तथा अभी भी उनका संघर्ष जारी है। क्योंकि, उनका कहना है कि जब तक मंडी में गरीबों का आर्थिक शोषण पूरी तरह से बंद नहीं हो जाता तब तक वह जनता की आवाज़ उठाते रहेंगे। इसी कड़ी के तहत उनके संघर्ष को पहली कामयाबी तक मिली थी जब पिछले दिनों सरकार द्वारा जारी पत्र कि मंडी में खाद्य पदार्थों की रोहड़ी व फड़ी लगाने वालों से पैसे न लिए जाएं को तो लागू कर दिया गया था, लेकिन बावजूद इसके मंडी में चाय, कुलचे छोले व भटूरे आदि की रेहड़ी व फड़ी लगाने वाले से ठेकेदार द्वारा मनचाही वसूली जारी है। इतना ही नहीं पैसे लेकर जो रसीद दी जा रही है उस पर इनक्लूडिंग जीएसटी तो लिखा है पर वह कितना है यह अंकित नहीं है। इस मामले का एक बार फिर से संज्ञान लेते हुए श्री सचदेवा ने मंडी में पहुंचकर चाय, छोले-कुलचे व भटूरे आदि लगाने वालों से भेंट की और उनके शोषण की जानकारी हासिल की।

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इस मौके पर श्री सचदेवा ने कहा कि हैरानी वाली बात है कि मंडी में मिलीभगत का खेल इस कद्र चल रहा है कि न तो कोई अधिकारी बोल रहा है तो न ही प्रशासन द्वारा कोई कड़ी कार्यवाही की जा रही है। जिसके चलते ठेकेदार के हौंसले इतने बुलंद हैं कि मुख्य गेटों पर ली जाने वाली फीस का जो बोर्ड लगाया गया है उस पर फिर से पेंट फेर दिया गया है ताकि किसी को पता न चल सके कि किससे कितने पैसे लेने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर उन्होंने मार्किट कमेटी के चेयरमैन के अलावा अन्य अधिकारियों से भेंट की और इसके उपरांत सारा मामला जिलाधीश से भेंट करके उनके ध्यान में लाया गया। इस दौरान उन्होंने चेयरमैन व अधिकारियों को मांगपत्र भी सौंपा। मांग पत्र के बारे में बताते हुए श्री सचदेवा ने बताया कि उन्होंने मांग पत्र में मांग की है कि गेट पर रेट लिस्ट लगाई जाए व जितने पैसे लिए जाएं उतने की पर्ची दी जाए, फल व सब्जी की रेहड़ी-फड़ी वालों से 13 दिन अधिक वसूले गए पैसे वापिस किए जाएं, चाय व छोटे-भटूरे आदि की रेहड़ी लगाने वालों से अगर पैसे लेने का प्रावधान है तो इससे संबंधित बोर्ड लगाए जाएं तथा यह भी अंकित किया जाए कि किससे कितने पैसे लेने हैं व किन शर्तों के तहत लिए जाने हैं।

उन्होंने कहा कि हैरानी तो इस बात की है कि जो अधिकारी और कर्मी रोजाना मंडी में आते हैं उन्होंने गरीबों की हो रही लूट के प्रति अनभिज्ञता जताई। इसके उपरांत उन्होंने पुन: जिलाधीश से भेंट की और मंडी में सरकार के आदेशों के विपरीत वसूले जा रहे गुंडाटैक्स पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि मंडी में चल रहे मिलीभगत के खेल पर अंकुश लगाया जाना बहुत जरुरी है। क्योंकि सख्त कार्यवाही न होने के चलते जहां अधिकारी पूरी तरह से उदासीन रवैये से कार्य कर रहे हैं वहीं ठेकेदार को भी प्रशासन व कानून का कोई डर नहीं है।

श्री सचदेवा ने कहा कि रेहड़ी व फड़ी वाले गरीब होने के चलते ठेकेदार व अधिकारियों द्वारा की जा रही धक्केशाही के विरुद्ध खुलकर बोलने को तैयार नहीं, क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं अधिकारी व ठेकेदार उन्हें मंडी में काम ही न करने दें। इसलिए वह पीछे रहकर इस लड़ाई में उनके साथ हैं। अगर जरुरत पड़ी तो इस धक्केशाही के विरुद्ध धरना प्रदर्शन करने से भी परहेज नहीं किया जाएगा। इस मौके पर मंगल राम कालिया, कशमीर सिंह, संदीप लोई, बलविंदर राणा, करमजीत बब्बू, अजय वर्मा, गीता देवी, सविता शर्मा एवं राजबीर बल आदि मौजूद थे।

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