समाजिक संघर्ष पार्टी ने किसानों को शहीद करने वाले दोषी के पिता मंत्री अजय मिश्रा के त्याग पत्र की मांग की

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। समाजिक संघर्ष पार्टी ने यू.पी. के लखीमपुर में कृषि विरोधी काले कानूनों को रद्ध करवाने के लिए संघर्ष कर रहे 4 किसानों को मंत्री के वेटे द्वारा क्रूरतापूर्वक अपनी गाड़ी के नीचे दे कर शहीद कर देने पर उसे सख्त सज़ा देने, उसके पिता केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को मंत्रीमण्डल से बाहर करना तथा योगी सरकार से त्याग पत्र की ज़ोरदार मांग की गई। यह सब कुछ केन्द्र तथा यू.पी. सरकार द्वारा रची गई साजि़श के अंतर्गत हो रहा है ताकि देश भर में संयुक्त किसान मोर्चे द्वारा कृषि विरोधी बनाए गए काले कानूनों को रद्ध करवाने के लिए चलाए जा रहे संघर्षों को डरा धमका कर फेल किया जा सके।

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क्योंकि आज भारत के समूचे नागरिक श्री मोदी द्वारा बनाये यां संशोधित श्रम संशोधन एक्अ, जी.एस.टी., निजीकरण तथा अन्य लोक विरोघी बनाये बिलों को रद्ध करवाने के लिए देश भर में बहुत बड़ा जल आंदोलन करने की त्यारी में है। समाजिक संघर्ष पार्टी के चंडीगढ़ तथा पंजाब के इंचार्ज इंजी. किशोर गुरु, मास्टर महिंद्र सिंह हीर, प्रदेश अध्यक्ष, तीर्थ राम तोगडि़या, महासचिव पंजाब, हरविंदर सिंह प्रिंस, प्रदेश अध्यक्ष यूथ विंग पंजाब, स. हरदयाल सिंह, सेवानिवृत एस.डी.ओ., हरचंद जक्खवाली, कुलवंत सिंह चौहान, हरबंस सिंह वठिंडा, अमर सिंह बरनाला सभी उप-प्रधान, शलिंद्र सिंह धीमान, हरजिंदर कैड़ा, नम्बरदार सुखविंदर लाल, बचित्र सिंह, राजिंद्र देवरीया, हरविंदर सिंह रंधावा ने एक सांझी प्रैस विज्ञप्ति में कहा कि  श्रीमती हरविंदर कौर राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजिक संघर्ष पार्टी द्वारा पहले से ही दिये गये दिशा निर्देश अनुसार संयुक्त किसान मोर्चे द्वारा किसानों के शहीदी समागमों/शोक सभाओं तथा हो रहे अन्य संघर्षों जो कि 12 अक्तूबर को घोषित किए जायेंगे में पूर्ण रुप से शामिल होने की घोषणा की है तथा श्री महिंद्र सिंह हीर ने पंजाब के प्रत्येक नागरिक को इन बिछड़ी आत्माओं की आत्मिक शांति के लिए  हर स्तर के शोक समागमों में शामिल होने की पुरजोर अपील की है। 

प्रदेश अध्यक्ष मास्टर महिंद्र सिंह हीर पे बसपा अकाली पार्टी द्वारा सांझे तौर पर भूल माफ रैली पर टिप्पणी करते हुए सिर्फ इतना ही कहा कि इन नेताओं  की हुई गलतियों ने 85 प्रतिशत बहुजन समाज को अपने अधिकारों से वंचित कर दिया है। इसमें समाज की कोई भूल नहीं है। समाज ने तो तन मन धन से पार्टी का साथ दिया पर इन नेताओं की खुदगर्जी, कुर्सी की लालसा तथा पैसे की भूख ने बाबा साहिब आंबेडकर कि मिशन को कुमिशन में बदल दिया, जिसके कारण अब बहुजन समाज को दो नहीं चार आंखों से देख कर चलना पड़ेगा। अब बी.एस.पी. को श्री सुखबीर सिंह बादल द्वारा श्री बलदेव खैहरा को अकाली दल में शामिल करते वक्त यह कहना कि मैने पंजाब से आज से बी.एस.पी. खत्म कर दी है, वो ताना भी भूल गया तथा श्री बादल को 15 वर्ष तक सत्ता में रहते हुए श्री कांशी राम के नाम पर मैडिकल कॉलेज बनाने की याद नहीं आई। आज जब सास – बहु के रिश्ते बाली भाजपा से गठबंधन टूट गया है तो बसपा याद आ गई और साथ में श्री कांशी राम भी याद आ गये। आज बहुजन समाज इन नेताओं की साजिशों का पूरी तरह से संज्ञान ले रहा है। 

पार्टी के प्रवक्ता नम्बरदार सुखविंद्र लाल के अनुसार पार्टी ने भारत के सूमह नागरिकों को भाजपा की केन्द्रीय सरकार द्वारा कृषि के काले कानूनों, श्रम संशोधन एक्ट, बिजली संशोधन एक्ट, सरकारी संस्थान निजी कार्पोरेट संस्थानों को बेचने तथा अन्य जन विरोधी बिल रद्ध करवाने के लिए एक मंच पर इक्ठे होने का निमंत्रण देतू हुए पंजाब सरकार से मांग की है कि यू.पी. के शहीद हुए किसानों को 50-50 लाख रु की आर्थिक सहायता दिये जाने की तरह ही पंजाब के शहीद हुए किसानों को भी 50-50 लाख रु की आर्थिक सहायता की राशि जारी की जाये तथा पंजाब सरकार ऐसे जन विरोधी बिल रद्ध करवाने के लिए केन्द्र सरकार पर दबाब डाले। 

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