नई दिल्ली (द स्टैलर न्यूज़)। संकट के बीच केंद्र सरकार पूरी तरह से मुस्तैद हो गई है। एक तरफ जहां केंद्र सरकार कोयला आपूर्ति बढ़ाने में जुटी हुई है, वहीं दूसरी ओर सरकार इस हालात की लगातार समीक्षा भी कर रही है। सोमवार को जहां गृह मंत्री अमित शाह ने कोयला मंत्री प्रहलाद पटेल और ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के अलावा कोल इंडिया और एनटीपीसी के अफसरों के साथ बैठक की। अब इसी मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी भी जल्द ही एक समीक्षा बैठक कर सकते हैं। पीएम मोदी की इस समीक्षा बैठक में शामिल होने से ही ये बात साफ हो जाती है कि ये मामला कितना गंभीर है और केंद्र इस पर कितना अलर्ट है। देश में बढ़ते कोयला संकट से निपटने के लिए कोयला मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय ने मिलकर एक क्राइसिस ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप में तीनों मंत्रालय के बड़े अफसरों के अलावा बड़ी बिजली कंपनियों के अधिकारी भी शामिल हैं। जो इस कोयला संकट पर चौबीस घंटे नजर बनाए हुए हैं। ये ग्रुप कोयले की डिमांड को देखते हुए कोयले से लदी मालगाडिय़ों को डायवर्ट भी करता है। देश के 135 बड़े थर्मल पावर प्लांट की सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी यानि सीइए यूनिट के तहत मॉनिटरिंग होती है। फिलहाल इनमें से कऱीब 120 प्लांट तक मालगाडिय़ों से कोयला पहुंचता है। रेलवे को माल सप्लाई के लिए 750 रैक की जरूरत है, लेकिन उसके पास 100 रैक रिजर्व हैं।
कोयला कोयला संकट के बीच केंद्र सरकार मुस्तैद, क्राइसिस ग्रुप बनाया
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