वातावरण की संभाल के लिए किसानों का पथ प्रदर्शक बना किसान जतिंदर ठाकुर

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। होशियारपुर के ब्लाक मुकेरियां के गांव कलसां का प्रगतिशील किसान जतिंदर सिंह ठाकुर अपनी प्रगतिशील सोच के कारण इलाके में अपनी विशेष पहचान बना चुका है। उन्नत खेती कर वह जहां पर्याप्त मात्रा में झाड़ प्राप्त कर रहा है वहीं वातावरण को साफ-सुथरा रखने में भी अहम योगदान दे रहा है। जतिंदर ठाकुर 5 एकड़ के मालिक हैं, परंतु वे कुल 30 एकड़ की खेती करते हैं। वे कई वर्षों से पराली को बिना आग लगाए खेतों में ही उसका सही प्रबंधन कर रहे हैं व अन्य किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं।
जतिंदर ठाकुर ने बताया कि वह अपने पिता के साथ कृषि के काम में हाथ बंटाने लग पड़े थे। इस दौरान उनकी किसान मेलों, कृषि की नई तकनीकों के बारे में जानकारी लेने व उन तकनीकों पर अमल में लाने की आदत बन गई। वर्ष 2013 में पिता की मृत्यु के बाद घर की सारी जिम्मेदारी उन पर आ गई। पढ़े लिखे होने के कारण वह कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र के माहिरों से मेल जोल बढ़ा कर खेती साहित्य के साथ जुड़ गए। अपनी खेती की नुहार निखारने की लालसा को आगे बढ़ाते हुए उसने कृषि से संबंधित प्रशिक्षण कैंपों, सैमीनारों व खेत दिवसों में शमूलियत करनी शुरु की।
 जतिंदर ने बताया कि कैंपों व सैमीनारों से प्रभावित होकर उसने खेतों के अवशेषों की संभाल का प्रण कर लिया। सबसे पहले उसने कंबाइन से शुरुआत की व अपने इलाके की तनदेही से सेवा निभाई, फिर जैसे ही वह कृषि विभाग मुकेरियां के माहिरों के साथ जुड़ा तो  उसमें और नई तकनीक सीखने की लालसा जागी। इसके बाद उसने रोटावेटर व कटर की खरीद की, जिससे वह अपने खेतों की फसल के अवशेषों का प्रबंधन करने के साथ-साथ अन्य किसानों के खेतों में भी फसलों के अवशेषों का प्रबंधन करने में मदद करता हैं। ऐसा कर वे अपने इलाके में वातावरण की संभाल के लिए अवशेषों क प्रबंधन करने के लिए किसानों को उत्साहित करने मे कामयाब रहे।
किसान जतिंदर ठाकुर ने बताया कि अन्य किसानों से विचार विमर्श कर उसने एक किसान ग्रुप बना पिछले वर्ष कृषि मशीनरी बैंक जिसमें सुपर सीडर, जीरो टिल्ल ड्रिल, पैडी स्ट्रा चौपर व एम.बी. प्लोअ आदि की सब्सिडी पर खरीद की। अब वे अपने खेतों में इस मशीनरी का प्रयोग तो करता ही हैं और साथ लगते गांवों में यह मशीनरी किराए पर देकर वातावरण को दूषित होने से बचा रहा हैं। उनका मानना है कि गेहूं की बिजाई के लिए सुपर एस.एम.एस व सुपर सीडर का प्रयोग पंजाब को काफी हद तक पराली जलाने की समस्या से निजात दिलवा रहा है।

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