भगवान शिव की बिखरी हुई जटाएं हमारे बिखरे मन का प्रतीक: साध्वी सुश्री सरोज भारती

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के द्वारा स्मृति जंजघर,पहाड़ी में पांच दिवसीय भगवान शिव कथा का आयोजन किया गया। कथा के तीसरे दिन में सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या कथा व्यास साध्वी सुश्री सरोज भारती जी ने शिव विवाह का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान शिव का यह अद्भुत श्रृंगार रहस्यात्मक है। भगवान शिव के तन पर लगी भस्म मानव तन की नश्वरता की ओर संकेत है गले में धारण किए सर्प काल का प्रतीक है। उनके मस्तक पर लगा हुआ चन्द्रमा इस बात का प्रतीक है कि भगवान प्रकाश रूप है। भगवान शिव की बिखरी हुई जटाएं हमारे बिखरे मन का प्रतीक है। भगवान शिव जी की जटाओं से बहती हुई गंगा इंसान को अपने घट के अन्दर अमृत की प्राप्ति की और प्रेरित करती हैं।

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उनके हाथ में सजा डमरू यह बताता है कि जब एक पूर्ण संत का संग होता है तो ऐसा ही संगीतमय डमरू हमें अपने ही अंदर ही सुनाई देने लग जाता है। कथा का समापन विधिवत प्रभु की पावन आरती से किया गया।

आरती में विशेष रूप में कमल चौधरी पुत्र बलबीर चौधरी पूर्व एम.पी, धर्म जाग्रति मंच के सभी सदस्य,श्री राजपूत करनी सेना के सभी सदस्य, नवीन मेडिकल स्टोर,पंडित मोनू, सरपंच वीणा शहरी, पंच मनु, पूजा शर्मा,रजनीश कौशल सदानंद कोल्ड ड्रिंक्स,कान्ता शर्मा अध्यक्ष श्री सत्यानारयण मंदिर, संजीव कुमार मिंटू, चन्दर शेकर गर्ग, रोहित कुमार, सुमन प्रभाकर, शालिनी प्रभाकर, कृष्ण लाल चोपड़ा, पंडित हरदयाल, उषा रानी, सरिला रानी, कोमल, पंडित मोहन दास, शादी लाल आनंद, राजेश शर्मा स्टार बैग, राजीव शर्मा, रोहित मरवाहा आदि उपस्थित थे।

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