नई दिल्ली (द स्टैलर न्यूज़)। रूस और यूक्रेन युद्ध का सीधा असर आपकी जेब पर भी पड़ेगा। भारत गैस की जरूरत के लिए प्राकृतकि गैस के रूप में यूक्रेन पर निर्भिर है। घरेलू डिमांड की आधी जरूरत यूक्रेन से आने वाली नेचुरल गैस से पूरी होती है। युद्ध के लंबे समय तक चलने से प्राकृतकि गैस के रेट बढऩा तय है। इससे सीएनजी और रसोई गैस की कीमत 10 से 15 रुपए तक बढ़ सकती हैं। कच्चे तेल के दाम बढक़र 7 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। ऐसे में पैट्रोल-डीजल के रेट में तेजी आना तय है।
दोनों देशों के बीच लड़ाई से फसलों का उत्पादन पर असर पड़ेगा। यूक्रेन और रूस दुुनिया में एक चौथाई गेहूं निर्यात करते हैं. ऐसे में सूरजमुखी, पाम और सोया तेल की सप्लाई पर भी असर पड़ेगा। यूक्रेन और रूस से भारत जरूरत का 90 प्रतिशत तेल आयात करता है। फरवरी में अब तक इसका बिल्कुल आयात नहीं हुआ। आयात कम होने से बाजार में खाने के तेल की कीमत में उछाल आना तय है। कारों और मोबाइल में यूज होने वाली पैलेडयिम धातु के दाम भी बढ़ सकते हैं। पैलेडियम का सबसे ज्यादा प्रोडक्शन रूस में ही होता है। इसका कीमत बढऩे का असर मोबाइल फोन और कारों की कीमत के रूप में हो सकता है। बतां दे युद्ध के पहले ही दिन सोने-चांदी की कीमतों में बढ़ा उछाल आया था और कच्चे तेल की कीमतें भी बढ़ गई थी और शेयर बाजार भी धराशाई हो गया था। हालांकि शुक्रवार में इसमें रिकवरी देखने को मिली है।