स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व टी.बी. दिवस के सम्बन्ध में शपथ ग्रहण समागम का किया गया आयोजन

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग पंजाब द्वारा विश्व टी.बी. दिवस जो कि हर साल 24 मार्च के दिन मनाया जाता है। इसके सम्बन्ध में सैक्टर 34-ए चंडीगढ़ में स्थित विभाग के मुख्यालय के कान्फ्रेंस हॉल में टी.बी. हारेगा और देश जीतेगा के नारे के साथ डायरैक्टर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पंजाब डॉ. जी.बी. सिंह जी के नेतृत्व में टी.बी. के विरुद्ध जंग जीतने के लिए एक शपथ ग्रहण समागम करवाया गया। इस मौके पर डायरैक्टर परिवार कल्याण पंजाब डॉ. ओ.पी. गोजरा, समूह डिप्टी डायरैक्टर, स्टेट नोडल अधिकारी (टी.बी.) डॉ. किरण छाबड़ा, समूह सहायक डायरैक्टर और मुख्यालय के समूह अधिकारी /कर्मचारी उपस्थित थे।
इस मौके पर अपने संबोधन के दौरान बोलते हुये डॉ. जी. बी. सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय टी.बी. मुक्त अभ्यान के अंतर्गत भारत में साल 2025 तक टी.बी. की बीमारी को ख़त्म करने का लक्ष्य निश्चित किया गया है। उन्होंने बताया कि यह एक छूत की बीमारी है जोकि पूरी तरह से इलाजयोग है। इस साल का टी.बी. दिवस का विषय ’टी.बी. के ख़ात्मे के लिए प्रतिबद्ध हों और जानें बचाएं’ है। पंजाब के स्वास्थ्य विभाग की टी.बी. के ख़ात्मे के लिए की जा रही कोशिशों संबंधी बताते हुये उन्होंने केहा कि पंजाब राज्य के तीन जिलों को टी.बी. के नये केस लोड में 20 प्रतिशत से ज़्यादा कमी लाने के लिए कांस्य श्रेणी से सम्मानित किया गया है और अब पाँच और जिलों को भी इस श्रेणी में लाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा विश्व टी.बी. दिवस के मौके पर स्वास्थ्य विभाग पंजाब को इस उपलब्धी के लिए सम्मानित किया जायेगा। समागम के दौरान डॉ. जी.बी. सिंह द्वारा समूह हाज़िरीनों को टी.बी. के ख़ात्मे में अपना योगदान डालने संबंधी शपथ दिलाई गई और टी.बी. के विरुद्ध एक हस्ताक्षर मुहिम की भी शुरुआत की गई। इस मौके पर टी.बी. की बीमारी संबंधी ख़ास तौर पर बच्चों और आम लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक लुड्डो खेल भी जारी की गई।
इस मौके पर स्टेट टी.बी. अफ़सर डॉ. राजेश भास्कर ने बताया कि टी.बी. के इलाज के लिए मिलने वाली जांच सुविधाओं के बारे जानकारी देते हुए कहा कि टी.बी. की और ज्यादा सही और जल्द जांच के लिए पंजाब राज्य के सभी जिलों और सरकारी मैडीकल कालेजों में सी.बी.नैट और ट्रूनैट मशीनें स्थापित की गई हैं। इस बीमारी की गंभीरता के बारे बताते हुये उन्होंने कहा कि टी.बी. के कारण मौतों के मामलो में, कोविड-19 के बाद टी.बी. दूसरी सबसे ख़तरनाक छूत की बीमारी है। इसलिए इस बीमारी से बचाव के लिए हम सबको जागरुक होने की ज़रूरत है। समागम के दौरान टी.बी. के ख़ात्मे के लिए स्वास्थ्य विभाग पंजाब के साथ सहयोग कर रही एन.जी.ओ. यूनाईट टू एक्ट, ग्लोबल निधि पार्टनर और वर्ड हैल्थ पार्टनर के प्रतिनिधियों द्वारा भी अपने कामों संबंधी विस्तार से बताया गया। इस मौके पर टी.बी. की बीमारी से पूरी तरह ठीक हो चुके टी.बी. चैम्पियनों ने भी अपने तजुर्बे सांझे किये और विभाग द्वारा उनको सम्मानित भी किया गया।
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