हम अपने जीवन में संतान को कुछ दें या न दें, संस्कार जरुर दें: साध्वी अमृतानंद मयी मानस समीक्षा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्री राम चरित मानस प्रचार मंडल की तरफ से महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशा नंद सरस्वती जी महाराज की अध्यक्षता में श्री राम नवमी महोत्सव के पावन अवसर पर श्री राम भवन चांद नगर बाहदुरपुर होशियारपुर में प्रयागराज से पधारी कथा ब्यास साध्वी अमृतानंद मयी मानस समीक्षा जी ने श्री राम कथा करते हुए कहा कि भगवान भोले नाथ से माता पार्वती जी ने श्री राम कथा कि पिपासु बनकर निर्गुण निराकार ब्रह्म सगुन साकार होकर धरा पर कैसे आए। जे जानने कि जिज्ञासा प्रखट की। भगवान भोले नाथ ने माता पार्वती जी को राम कथा के अर्तगत निर्गुण ब्रह्म के शगुन होने का कारण बताया।

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उन्होंने कहा कि ब्रह्म का कोई आकार नही होता, लेकिन एक भक्त और भक्तिमति की तपस्या में या भक्ति की शक्ति ने उसे साकार होने पर मजबूर कर दिया और उन्होंने श्री राम कथा करते हुए कहा कि पृथ्वी के सम्राट महाराज मनु के भक्ति युकत संस्कारों ने, धरती पर परमात्मा को प्राप्त कर लिए, पुत्र के रूप में, धर्मपत्नी देवी शतरूपा ने अपनी भक्ति की शक्ति से जगत माता नहीं, जगदीश की माता बनने का सौभाग्य पाया। ऐसा सोभाग्य किसका होगा। इस लिए हम सभी को जीवन में भक्ति का संस्कार होना नितांत आवश्यक है। इसलिए हम अपने जीवन में संतान को कुछ दें या न दें, संस्कार जरुर दें। इस अवसर पर मंडल के प्रधान हरीश सैनी, जगदीश पटियाल, जे.पी कश्यप, सुरिंदर ओहरी, राकेश भल्ला, अश्विनी चोपड़ा, रमन वर्मा, महिंद्रपाल गुप्ता, रविंदर शर्मा, तिलक राज वर्मा, सुनील प्रिय, एसपी गौतम, शांति सरुप शर्मा, वरिंदर चोपड़ा, मास्टर निहाल चंद, अश्विनी शर्मा आदि उपस्थित थे।

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