करियर प्वाइंट यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने 579 विद्यार्थियों को प्रदान की डिग्रियां

हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़) रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने युवाओं से अपील की है कि वे भारत जैसे महान देश को समझने के लिए इसका अधिक से अधिक भ्रमण करें। सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दें तथा जीवन में मेहनत एवं संघर्ष करें। सोमवार को खरवाड़ स्थित करियर प्वाइंट यूनिवर्सिटी हमीरपुर के सातवें दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि जीवन में आप जितना संघर्ष करेंगे, उतना ही सीखेंगे। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं और इसके लिए किसी न किसी रूप में अपना योगदान दें ताकि हमारा देश प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर हो सके।

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उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा का मतलब सिर्फ डिग्री हासिल करना ही नहीं होना चाहिए, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और युवाओं के कौशल विकास पर विशेष रूप से फोकस करना चाहिए। युवाओं को व्हाइट कॉलर जॉब के पीछे भागने के बजाय कौशल विकास एवं प्रैक्टिकल लर्निंग पर ध्यान देना चाहिए। सीपीयू के एक दशक के सराहनीय सफर की चर्चा करते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत के तहत इस संस्थान के युवाओं को एक्सपोजर प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीपीयू हमीरपुर संभवत: प्रदेश का ऐसा पहला निजी शिक्षण संस्थान है जहां अटल इनोवेशन एवं इनक्यूबेशन सैंटर की स्थापना की गई है। इस सैंटर के माध्यम से रिसर्च एवं स्टार्ट अप को बढ़ावा मिलेगा। यहां उद्योग विभाग के सहयोग से सीएम स्टार्ट अप योजना के तहत इनक्यूबेशन सेंटर में 21 युवा शोध कर रहे हैं। पांच शोधकर्ता विनिर्माण की स्टेज पर पहुंचने वाले हैं। केंद्रीय मंत्री ने सीपीयू के इनक्यूबेशन सैंटर के अंतर्गत स्थानीय संसाधनों पर आधारित पांच उद्यमों की लांचिंग भी की। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि संस्थान के विद्यार्थियों को एक्सपोजर प्रदान करने के लिए भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में पत्रकारिता के विद्यार्थियों को दूरदर्शन के केंद्रों में प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि लगभग दो वर्षों के दौरान वैश्विक महामारी कोरोना ने हमें कई सबक दिए हैं। इस महामारी की तीन लहर गुजर जाने के बाद हमारे आम जनजीवन में कई बड़े बदलाव आए हैं। कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा में अवसर और आत्म निर्भर भारत का मंत्र दिया। हमारा स्वास्थ्य तंत्र कोरोना जैसी भयंकर आपदा के लिए तैयार नहीं था, लेकिन प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच और सशक्त नेतृत्व के कारण भारत ने आपदा के दौरान बहुत कम समय में एक मजबूत एवं अत्याधुनिक स्वास्थ्य ढांचा खड़ा किया। यही नहीं, अन्य क्षेत्रों में भी भारत के विकास की रफ्तार को रुकने नहीं दिया। पहले भारत में अधिकांश मोबाइल चीन से बनकर आते थे, लेकिन अब हमारा देश दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता बन चुका है। कोरोना संकट के दौरान मोदी ने 80 करोड़ लोगों को दो साल तक मुफ्त राशन की व्यवस्था की। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि विश्व बैंक की रिपोर्ट बताती है कि मोदी के कार्यकाल में भारत में लगभग 12.3 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से उपर निकलने में सफल हुए हैं। इनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 14 प्रतिशत से अधिक और शहरी क्षेत्रों में लगभग 7.9 प्रतिशत लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।
इस अवसर पर सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा की चर्चा करते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि इस सेवा के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के 7 लाख से अधिक लोगों को घरद्वार निशुल्क चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा चुकी हैं। समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री ने 27 मेधावी विद्यार्थियों को गोल्ड मैडल और कुल 579 डिग्रियां भी प्रदान की तथा सीपीयू की दशक रिपोर्ट का विमोचन किया।

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