बहु करोड़ी सेहत योजना ठंडे बस्ते में, भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से गरीबों को नहीं मिल सकी राहत

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश के लोगों को उच्च स्तरीय सेहत सुविधाएं बाजार से कम कीमतों पर प्रदान करने को लेकर प्राईवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पी.पी.पी.) की सहायता के साथ पंजाब के सरकारी अस्पतालों में निजी लैब्ज स्थापित करने का फैसला लिया गया था, जिसके तहत निजी कम्पनियों द्वारा जहां लैबोरेटरी टैस्ट बहुत कम कीमतों पर किए जाने थे वहीं बहुकरोड़ी सी.टी. स्कैन मशीनें स्थापित करके बाजार के लगभग चौथे हिस्से तक कम कीमतों पर दिमाग, दिल तथा पेट की स्कैनिंग की जानी थी, जिससे लोगों को बहुत बड़ा आर्थिक लाभ होना था। पी.पी.पी. के तहत पंजाब में करसना डायग्नोस्टिक लैबज़ नामक कम्पनी को यह प्रौजेक्ट सौंपा गया था। इस प्रोजैक्ट के तहत पंजाब के विभिन्न अस्पतालों में सी.टी.स्कैन मशीनें लगाई जा चुकी हैं परन्तु होशियारपुर पंजाब का इकलौता जिला है जहां लैब स्थापित करने के बाद सी.टी.स्कैन मशीन अभी तक नहीं लगाई जा सकी। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह बहुकरोड़ी सी.टी.स्कैन मशीन एक बार होशियारपुर की लैब में कंपनी द्वारा भेज दी गई थी परन्तु इंस्टाल करने के कुछ दिन बाद ही यह मशीन लापता हो गई। बताया जा रहा है इसके पीछे होशियारपुर से संबंधित कुछ रसूखदार लोग, जो खुद भी सेहत सेवाओं से जुड़े हैं, की भ्रष्ट अधिकारियों से मिलीभगत के कारण यह मामला भारी चर्चा का विषय बना हुआ है। सिविल अस्पताल में लगने वाली इस सी.टी.स्कैन मशीन से होने वाला टैस्ट केवल 1500 रु में किया जाना था, जो बाजार में निजी लैब में 6000 रु में होता है। इसके अतिरिक्त इस लैब में थाईराईड तथा अन्य टैस्ट केवल 100 रु में होने थे, जो बाज़ार में तीन-चार हज़ार में होते हैं। इस मशीन के लापता हो जाने के कारण अब लोग इस सुविधा लाभ नहीं सकेंगे। भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि यह बहुकरोड़ी सी.टी.स्कैन मशीन प्रदेश के करीब 18 सरकारी अस्पतालों में लगाई जा चुकी है परन्तु केवल होशियारपुर के सिविल अस्पताल में ही लोगों को इस सुविधा से जान बूझ कर वंचित रखा जाना कई सवालों को जन्म देता है, इसमें भ्रष्टाचार की बू आती है। मामले में सम्पर्क करने पर सिविल सर्जन होशियारपुर डा. परमिंदर कौर ने बताया कि यह मामला एस.एम.ओ. डा. जसविंदर सिंह के पास है तथा वहीं कुछ बता सकते हैं। पर उन्होंने केवल इतना ही बताया कि उनको इस मामले में परेशान किया जा रहा है। एस.एम.ओ. डा. जसविंदर सिंह ने सम्पर्क करने पर बताया कि पिछली पंजाब सरकार ने पी.पी.पी. तहत यह लैब लगाने के लिए 12 दिसंबर 2021 को सी.टी.स्कैन मशीन खरीदने तथा लैब स्थापित करने की मंजूरी दी थी, जिसके पश्चात करसना डायाग्नोस्टिक लैब नामक कम्पनी ने अपनी लैब स्थापित कर दी थी। जनवरी 2022 में उन्हें सिविल सर्जन दफ्तर से जानकारी दी गई कि बहुकरोड़ी सी.टी.स्कैन मशीन कम्पनी द्वारा स्थापित की जा चुकी है। इसके थोड़ी देर बाद ही उन्हे यह मशीन कम्पनी द्वारा वापिस ले जाने की जानकारी मिली।

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अब दोबारा कम्पनी द्वारा जरुरी कार्रवाई कर इस मशीन को पुन: स्थापित करने बारे उन्हें 1 अप्रैल को पत्र मिला। इस पत्र पर अपना नोट देकर उन्होंने उसी दिन इसे सिविल सर्जन दफ्तर के लिए भेज दिया तथा अपनी सिफारिश की कि लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह मशीन जल्द से जल्द लगाई जाए ताकि गरीब और जरुरतमंद लोगों को आर्थिक राहत मिल सके। इस लोक भलाई के काम में देरी के बारे में तो सिविल सर्जन दफ्तर तथा जिला परिवार भलाई अधिकारी ही बता सकते हैं। जब इस बारे में जिला परिवार भलाई अधिकारी डा. सुनील अहीर से सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि वे एक महीने के छुट्टी पर चले गए थे, जिस कारण उन्होंने अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया। इस मामले में और अधिक जानकारी लेने के संबंध में सम्पर्क किए जाने पर उनकी गैरहाजिऱी में कार्यकारी परिवार भलाईअधिकारी द्वारा चार्ज लेने वाली डा. स्वाती भी अपना पल्ला छुड़ाती नजऱ आई। उन्होंने केवल इतना ही कहा कि मंजूरी देने संबंधी उनके पास कोई अधिकार नहीं है। जबकि सम्पर्क करने पर पी.एन.डी.टी. कोऑर्डीनेटर अभय मोहन ने कहा कि मशीन स्थापित करने की मंजूरी नहीं दी जा सकती थी क्योंकि पहले पी.एन.डी.टी. एक्ट के तहत सी.टी. मशीन स्थापित करने के लिए जरुरी मंजूरी नहीं ली गई। सेहत विशेषज्ञओं ने बताया कि जब लोकहितों की बात हो तो नियमों में ढील देने का भी सेहत अधिकारी के पास विशेष अधिकार होता है। लोगों को राहत देने के मुददे पर जानबूझ कर देरी की जा रही है और किसी की जबाबदेही तय नहीं की जा रही है। भरोसेमंद सूत्रों से यह भी अहम जानकारी मिली है कि सेहत विभाग के अंदर भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा सीनियर सेहत अधिकारियों के उपर नाज़ायज दबाब डालकर इस लोक भलाई के काम को ठंडे बस्ते में डालने की भरपूर कोशिशें की जा रही हैं। इस महत्वपूर्ण लोक भलाई मामले के संबंध में सम्पर्क किए जाने पर कैबिनेट मंत्री ब्रह्म शंकर जिम्पा के पी.ए. ने फोन उठाया तथा कहा कि मंत्री साहिब के मीटिंग में व्यस्त होने के कारण अभी बात नहीं हो सकती।

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