हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। हमीरपुर के विधायक नरेंद्र ठाकुर ने कहा है कि कांग्रेस के पतन का सिलसिला 2002 में भी बदस्तूर जारी रहेगा। उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस केवल दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ तक सिमट कर रह गई है। जबकि मई 2014 के लोकसभा चुनाव में जब पीएम मोदी सत्ता में आए थे तब कांग्रेस शासित राज्यों की संख्या नौ थी वहीं, पार्टी 2014 के बाद से 45 में से सिर्फ पांच चुनाव जीत पाई है। इन नतीजों ने कांग्रेस की विश्वसनीयता और नेतृत्व पर सवाल खड़ा कर दिया है. ऐसे सवाल बाहर से नहीं बल्कि पार्टी के अंदर से ही उठाए जाने लगे हैं,जाहिर सी बात है कि जो पार्टी अपने अंदरूनी नेतृत्व से जूझ रही हो वो किसी देश या प्रदेश का नेतृत्व क्या करेगी।
परिवारवाद की राजनीति ने कांग्रेस को मुख्यत: पतन की राह पर धकेला है, परंतु यह विडंबना ही है कि पांच राज्यों में शर्मनाक हार के कारणों की समीक्षा की मांग करने वाले कांग्रेस नेता यह कहने का साहस नहीं जुटा पा रहे कि इस हार के लिए गांधी परिवार जिम्मेदार है और वह अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकता। हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति परिवारवाद का जीता-जागता उदहारण है। पहले से ही अंतर्कलह के कारण कांग्रेस अपने प्रस्तावित मुख्यमंत्री का चेहरा भी घोषित नहीं कर पा रही है, ऊपर से कुशल नेतृत्व की कमी ने पार्टी को अनिश्चितता की स्थिति में धकेल दिया है। ऐसे में प्रदेश की जनता नेतृत्त्वहीन और दिशाहीन कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखाएगी।