भामा कलाँ गाँव में दलितों से ज़मीने खाली करवाने का मामला, एनसीएससी ने तुरंत प्रभाव से कारवाई पर रोक लगाई

चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़)। पंचायती ज़मीनों के कब्जे खाली करवाने की आड़ में पंजाब सरकार लुधियाना जिले के गाँव भामा कलाँ में भारत की आज़ादी के समय से रहते और खेती करते आ रहे अनुसूचित जाती के लोगों से धक्के से जमीन खाली करवाने की कारवाई का सख्त नोटिस लेते हुए, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला के आदेशों पर एनसीएससी ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांग  है। इसके साथ ही एनसीएससी  ने पंजाब सरकार को जमीन खाली करवाने की कारवाई को तुरंत प्रभाव से रोकने के साथ यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं।

एनसीएससी को दिलबाग सिंह के साथ 75 लोगों ने शिकायत भेज कहा की वो 1947 से गाँव भामा कलाँ में खेती-बाड़ी कर गुजर बसर कर रहे हैं और इन्ही ज़मीनों पर उनके घर भी बने हैं। इन घरों के पते पर बिजली-पानी के कनेक्शन के साथ राशन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड आदि भी बने हुए हैं। 70 साल से एक–एक परिवार के पास कब्जा है। पंजाब में अब तक किसी भी पार्टी की सरकार हो उन्हे कभी उजाड़ा नहीं गया  और अब पंजाब में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है तो पंचायती ज़मीनों को खाली करवाने की आड़ में हम पर कारवाई की जा रही है।

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सांपला ने पंजाब सरकार के चीफ सेक्रेटरी, पुलिस के डी.जी.पी. के साथ- साथ डी.सी. व पुलिस कमिश्नर लुधियाना को नोटिस भेज आयोग के भाग 7.2. (क) vii के तहत स्पष्ट कहा है की जब तक गाँव भामा कलाँ का मामला आयोग के पास लंबित है तब यथास्थिति बनाई रखी जाए और अगर सरकार के अफसरों ने इसकी आवेहलना की तो तो आयोग प्रीवेन्शन ऑफ अट्रासिटी ऐक्ट 1989 के तहत दोषी अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करेगा।

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