मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग में ई-प्रणाली को प्रोत्साहित करने को हरी झंडी दी

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। लोगों की सुविधा के लिए कई नागरिक सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने सम्बन्धी अहम फ़ैसलों में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राजस्व विभाग में ई-प्रणाली सम्बन्धी कई सुधार शुरू करने को मंज़ूरी दी है। इस सम्बन्धी निर्णय मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास में सोमवार को राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान किए।

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बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों को राजस्व विभाग सम्बन्धी सेवाएं सुचारू तरीके से और बिना देरी के मिलने को सुनिश्चित बनाने की ज़रूरत को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि लोगों की असुविधा को घटाने के लिए विभाग की कार्यप्रणाली को सुचारू तरीके से चलाने की ज़रूरत है। भगवंत मान ने कहा कि विभाग ने सारा रिकॉर्ड डिज़ीटाईज़ कर इन्टरनेट पर डाल दिया है, जिससे लोग अपनी जमाबन्दियां देख सकें और अपने घरों में ही फ़र्दें मंगवा सकें या ई-मेल करवा सकें। इसके अलावा जमाबन्दियों की कॉपी आवेदनकर्ता को ऑनलाइन अजऱ्ी देने के बाद में फ़र्द केन्द्रों/घरों/ई-मेल पर भी उपलब्ध करवाई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने खसरा गिरदावरी (ई-गिरदावरी) की ऑनलाइन रिकॉर्डिंग के लिए भी मंजूरी दी, जिसके लिए विभाग द्वारा मोबाइल ऐप और वैबसाईट विकसित की गई है। इस पर पटवारियों द्वारा खसरा गिरदावरी दर्ज की जाती है और राजस्व अधिकारियों द्वारा पंजाब राजस्व रिकॉर्ड नियमावली के प्रमाणित प्रस्तावों के मुताबिक गिरदावरी की पड़ताल भी इन ऐप्लीकेशनों पर ही की जाती है। उन्होंने बताया कि इस ऐप्लीकेशन के द्वारा रबी-2022 की गिरदावरी मार्च महीने के दौरान ही दर्ज कर दी गई है। भगवंत मान ने कहा कि इस क्रांतिकारी ऑनलाईन सुविधा से लोग गिरदावरी को सार्वजनिक प्लेटफार्म पर देख सकेंगे।

एक अन्य बेमिसाल पहल के अंतर्गत मुख्यमंत्री ने भूमि मालिकों के फ़ोन नंबर एवं ई-मेल को जमाबन्दियों के साथ जोडऩे का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि मालिकों/सहभागियों के मोबाइल नंबर एवं ई-मेल को जमाबन्दियों के साथ जोड़ा जाएगा और कोई भी नागरिक इसके लिए फ़र्द केन्द्रों में अजऱ्ी दे सकता है। भगवंत मान ने कहा कि सम्बन्धित सहायक सिस्टम मैनेजर अजऱ्ी में दिखाए गए ज़मीन के मालिकों/सह- मालिकों, पहचान पत्र जैसे सबूतों को पोर्टल पर दर्ज करेगा और ज़मीन का रिकॉर्ड अपने-आप सामने आ जाएगा।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पटवारी अपना यूजऱ आई.डी. और के पासवर्ड का प्रयोग करके सॉफ्टवेयर में लॉग इन करेंगे और रिकॉर्ड का सत्यापन करेंगे। उन्होंने कहा कि सत्यापन करने के बाद आवेदनकर्ता के मोबाइल नंबर पर ई-मेल को ज़मीन के रिकॉर्ड के साथ जोड़ा जाएगा और इसके उपरांत ज़रूरत पडऩे पर मालिकों/सह- मालिकों को एसएमएस संदेश भेजे जाएंगे। भगवंत मान ने उम्मीद अभिव्यक्त की कि इन फ़ैसलों से जनता को बड़ी सुविधा मिलेगी।

कामकाज में और अधिक कुशलता लाने और राज्य के राजस्व की लूट को रोकने के लिए एक और शानदार फ़ैसले में मुख्यमंत्री ने दस्ती स्टैम्प पेपरों को ख़त्म करने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि किसी भी मूल्य का स्टैम्प पेपर अब किसी भी स्टैम्प पेपर विक्रेता या राज्य सरकार द्वारा अधिकृत बैंकों से ई-स्टैंप भाव कम्प्यूट्राईज़्ड प्रिंट-आउट के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। भगवंत मान ने कहा कि इस कदम से स्टैम्प पेपर प्राप्त करने में आम लोगों को होने वाली परेशानी घटेगी और स्टैम्प पेपरों से सम्बन्धित धोखाधडिय़ों पर रोक लगाने में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विसिज लिमटिड (एन.ई.एस.एल.) के द्वारा पाँच और ई-सुविधाओं समेत कर्जे/गिरवी एग्रीमेंट, एग्रीमेंट ऑफ प्लैज, हलफऩामा और घोषणा पत्र, प्रनोट और इंडैमनिटी बॉन्ड भी सीधे कंप्यूटर के द्वारा जारी किए जा सकते हैं।

इसके अलावा राज्य में ग़ैर-कानूनी कॉलोनाईजऱों के द्वारा ठगे जा रहे नागरिकों की शिकायतों के निपटारे के लिए मुख्यमंत्री ने प्लॉटों/ज़मीनों/अपार्टमैंटों के सम्बन्ध में शिकायतें जमा कराने और निगरानी करने के लिए तैयार किया गया एक पोर्टल शुरू करने की मंजूरी दे दी है। इस पोर्टल पर वह शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं, जिनमें डिवेल्परों ने वादा किए/अलॉट किए/बिक्री के डीड किए गए प्लॉट/अपार्टमेंट का कब्ज़ा नहीं सौंपा। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता अपने आवेदन ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज करवा सकते हैं और इसके अनुसार आवेदनपत्र पर कार्यवाही की जाएगी। भगवंत मान ने आगे कहा कि नागरिक अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर या ई-मेल आईडी के द्वारा अपने आवेदनों की स्थिति का पता लगा सकते हैं।

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