चैक पोस्ट पर जाली टैक्स वसूली के घोटाले का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार

चण्डीगढ़,(द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने एस.ए.एस. नगर जिले के टैक्स कुलैकशन सैंटर, झरमड़ी, नज़दीक लालड़ू में राज्य में दाखि़ल होने और निकलने वाले व्यापारिक वाहनों से इकठ्ठा किये टैक्स को हड़पने वाले परिवहन विभाग के दो मुलाजिमों हरपाल सिंह और सलिन्दर सिंह को गिरफ़्तार करके सरकारी खजाने को बड़ा चूना लगाने वाले एक घोटाले का पर्दाफाश किया है। यह मुलाज़िम नकली कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के साथ-साथ जाली स्टैंप /मोहरें लगा कर इस धोखाधड़ी को अंजाम देते थे।

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इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि इस सम्बन्ध में मुकदमा नंबर 08, तारीख़ 08.06.2022 को आई.पी.सी. की धारा 420, 465, 467, 471, 120 बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 7, ए, 13(1) (1 ए), 13(2) के अंतर्गत आरोपियों हरपाल सिंह निवासी गाँव हसनपुर, फतेहाबाद हरियाणा, सलिन्दर सिंह वासी गाँव बिशनपुरा, ज़ीरकपुर और प्रवीण कुमार गाँव खानपुर, खरड़, ज़िला एस.ए.एस.नगर के खि़लाफ़ पुलिस थाना विजीलैंस ब्यूरो, उड़न दस्ता-1, मोहाली में दर्ज किया गया है। इनकी तरफ से इस्तेमाल किये जा रहे नकली कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के साथ-साथ जाली स्टैंप /मोहरें भी बरामद की गई हैं।

उन्होंने बताया कि जांच के दौरान और सम्बन्धित अधिकारियों /कर्मचारियों की शमूलियत का भी पता लगाया जायेगा क्योंकि यह कर्मचारी रोज़मर्रा के लाखों रुपए की वसूली कर रहे हैं जोकि अन्य सम्बन्धित अधिकारियों की मिलीभुगत से बिना संभव नहीं था। इस घोटाले संबंधी और जानकारी देते हुये उन्होंने बताया कि रोज़मर्रा के 2000 के करीब नये व्यापारिक वाहनों के साथ-साथ व्यापारिक वाहनों की नयी चैस्सियां बाहर के राज्यों से पंजाब में आती हैं। इन वाहनों को पंजाब में दाखि़ल होने या निकालने के लिए टैक्स का भुगतान करना पड़ता है, जिसका भुगतान सम्बन्धित वाहन के ड्राइवर/मालिक द्वारा आनलाइन किया जा सकता है या उक्त चैक पोस्ट पर तैनात स्टाफ के पास जमा किया जा सकता है।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि गाँव हसनपुर, फतेहाबाद, हरियाणा के कर्मचारी हरपाल सिंह, गाँव बिशनपुरा, ज़ीरकपुर के सलिन्दर सिंह और गाँव खानपुर, खरड़, एस.ए.एस.नगर के प्रवीण कुमार को उपरोक्त आर.टी.ए. चैक पोस्ट झरमड़ी, एस.ए.एस. नगर में तैनात किया गया है। वह परिवहन विभाग के ई -परिवहन सॉफ्टवेयर में रजिस्टरेशन नंबर और वाहन की किस्म समेत ज़रुरी विवरण भरने के बाद टैक्स की बकाया रकम इकट्ठी करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इकट्ठी हुई इस रकम को सरकारी खजाने में जमा करवाना लाज़िमी है परन्तु इन कर्मचारियों ने पैसे हड़पने के इरादे से असली सॉफ्टवेयर जैसा एक जाली सॉफ्टवेयर तैयार करवाया था और इसका प्रयोग व्यापारिक वाहनों से टैक्स वसूलने और वाहनों के मालिकों /ड्राइवरों के लिए जाली रसीदें तैयार करने के लिए किया जाता था।

प्रवक्ता ने बताया कि यह आरोपी इस तरह होने वाली आय के साथ लंबे समय से अपनी जेबें भर रहे थे जिससे सरकारी खजाने को लाखों रुपए का नुक्सान हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इतना ही नहीं, उन्होंने वाहन ड्राइवरों/मालिकों को इसकी वास्तविकता संबंधी यकीन दिलाने के लिए रसीदों पर चिपकाने के लिए जाली स्टैंपें /सीलें भी बनाईं हुई थीं। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान सरकार के ई-परिवहन सॉफ्टवेयर पर ऐसी दो जाली रसीदों की प्रमाणिकता की जांच की गई, जोकि जाली पायी गयी हैं। इस तरह यह अधिकारी रोज़मर्रा के लाखों रुपए इकठ्ठा करके जेबें भर रहे थे जोकि अन्य सम्बन्धित अधिकारियों की मिलीभुगत से बिना संभव नहीं लगता। उन्होंने कहा कि आगामी जांच के दौरान आनलाइन टैक्स जमा करने के लिए इस्तेमाल किये जा रहे ऐसे साफ्टवेयरों के इलावा अन्य सम्बन्धित अधिकारियों /कर्मचारियों की शमूलियत का भी पता लगाया जायेगा।

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