कंडी नहर प्रोजैक्ट सम्बन्धी किसान जत्थेबंदियों की मांग को तकनीकी स्तर पर विचारा जायेगा

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार किसान जत्थेबंदियों की माँग को तकनीकी स्तर पर विचार कर कंडी नहर (तलवाड़ा-बलाचौर) प्रोजैक्ट को मुकम्मल करेगी। पंजाब के कंडी क्षेत्र के बरानी क्षेत्रफल को सिंचाई सहूलतें प्रदान करने के लिए बनाए जा रहे कंडी नहर (तलवाड़ा-बलाचौर) प्रोजैक्ट से सम्बन्धित कुछ मसलों पर इलाके की किसान जत्थेबंदियों के सदस्यों ने आज कैबिनेट मंत्री श्री ब्रम शंकर ज़िम्पा के साथ मुलाकात की। किसानों की माँग को तकनीकी स्तर पर विचारने का भरोसा देते हुये कैबिनेट मंत्री श्री ब्रम शंकर ज़िम्पा ने कहा कि पंजाब सरकार की यह प्राथमिकता है कि पंजाब से सम्बन्धित मसले जन हितों को ध्यान में रख कर किये जाएँ। उन्होंने बताया कि कंडी नहर मुकेरियाँ हाइडल चैनल से निकल कर पहाड़ियों के साथ-साथ बलाचौर तक आती है। उन्होंने बताया कि इस नहर का निर्माण दो चरणों में कंडी क्षेत्र के बरानी रकबे को सिंचाई सहूलतें प्रदान करने के लिए किया गया था। उन्होंने बताया कि यह नहर होशियारपुर जिले के 215 गाँवों के 19867 हेक्टेयर रकबे को सिंचाई सहूलतें प्रदान कर रही है।

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उन्होंने बताया कि कंडी नहर स्टेज-2 लगभग 60 किलोमीटर से लगभग 130 किलोमीटर जिसका होशियारपुर से बलाचौर तक निर्माण किया गया है, होशियारपुर ज़िले के 146 गाँवों के 16270 हैक्कटेयर बरानी रकबे और ज़िला शहीद भगत सिंह नगर के 72 गाँवों के 13257 हेक्टेयर बरानी रकबे को सिंचाई सहूलतें प्रदान करती है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि पुराने निर्माण और बीतते समय के साथ कंडी स्टेज- 1 की लाइनिंग डैमेज हो गई थी, जिस कारण पानी का रसाव बढ़ने से और केनाल का पूरे सामर्थ्य के साथ न चलने से समकालीन सरकार की तरफ से कंडी कनाल की पुरानी लाइनिंग तोड़ कर एच. डी. पी. ई. फिल्म के साथ नयी कंक्रीट लाइनिंग करने का फ़ैसला लिया गया था। उन्होंने बताया कि कंडी नहर की कंक्रीट रीलाईनिंग के स्टेज-1 का काम आर. डी. 0 से लगभग 32 किलोमीटर तक मुकम्मल हो चुका है। इस नहर की आर. डी. 32 किलोमीटर से लगभग 47 किलोमीटर तक काम प्रगति अधीन है।

ज़िक्रयोग्य है कि इस काम को कंडी नहर के साथ लगते गाँवों के निवासियों की तरफ से रोक दिया गया है और उनकी तरफ से माँग की गई है कि कंडी नहर के बैड में कंक्रीट लाइनिंग न की जाये। उनका तर्क यह है कि यदि विभाग की तरफ से बैड की कंक्रीट लाइनिंग की जाती है और एच. डी. पी. ई. फिल्म पाई जाती है तो इससे पानी की रीचाजिंग बंद हो जायेगी और भूजल का स्तर और नीचे चला जायेगा, जिससे भविष्य में गाँवों में पानी की दिक्कत आ जायेगी। श्री ज़िम्पा ने कहा कि कुदरती संसाधन पानी की ज़रूरत हर क्षेत्र में अपेक्षित है, वह चाहे खेती हो, उद्योग हों या मनुष्य हों। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार नये बनाऐ जाने वाले प्रोजेक्टों और पुराने चल रहे प्रोजेक्टों को तकनीकी स्तर पर विचार कर फ़ैसले करेगी। उन्होंने कहा कि इन फ़ैसलों में इलाके/क्षेत्रों की ज़रूरतों और हितों का विशेष ध्यान रखा जायेगा।

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