एमएसपी कमेटी के मुद्दे पर महिला किसान यूनियन ने राजनीतिक दलों को दी चेतावनी

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। महिला किसान यूनियन ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी समेत अन्य राजनीतिक दलों को केंद्र द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गठित सरकारी कमेटी में पंजाब सरकार का प्रतिनिधित्व पाने की होड़ में महिज़ बयानबाजी करके राजसी रोटीयां सेकने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की मांग है कि समिति में राज्य का मामूली प्रतिनिधित्व नहीं बल्कि काले कृषि कानूनों के समर्थक संघ सदस्यों वाली इस केंद्रीय समिति का पुनर्गठन होना चाहिए। मीडिया से बात करते हुए महिला किसान यूनियन की अध्यक्ष बीबा राजविंदर कौर राजू ने कहा कि मीडिया के माध्यम से किसानों को अपनी कृत्रिम ‘हेज-प्याज’ दिखाने के लिए आप सांसदों सहित अन्य पारंपरिक राजनीतिक दलों के नेता इस भाजपाई कमेटी में पंजाब के प्रतिनिधित्व खातिर मात्र राजनीतिक बयानबाजी कर रहे है, लेकिन व्यावहारिक तौर पर ये सभी नेता किसानों की जायज मांगों को पूरा करवाने और एमएसपी हासिल करने के लिए अंदर से ईमानदार नहीं हैं।

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संयुक्त किसान मोर्चा की मांग के अनुरूप एमएसपी पर केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा घोषित विवेकाधीन समिति के पुनर्गठन की मांग करते हुए महिला किसान नेता ने कहा कि आप पार्टी की दोनों सरकारें किसानों की मांगों को लेकर सिर्फ बयानबाजी और सोशल मीडिया पर पब्लिसिटी करके टाइम पास कर रही हैं लेकर दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने एमएसपी कानून बनवाने और किसानों की अन्य मांगों को स्वीकार करवाने के बारे में प्रधान मंत्री से अभी तक मुलाकात या पत्राचार नहीं किया। अब यह पार्टी एमएसपी समिति में राज्य के प्रतिनिधित्व के लिए सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी कर खाना पूरी कर रही है।  बीबा राजविंदर कौर राजू ने पंजाब सहित देश के सभी किसानों से अपील की कि वह केंद्र की मोदी सरकार से कल्याण की कोई उम्मीद न करें बल्कि केंद्र सरकार से किसानों की मांगों को स्वीकार कराने के लिए अपनी कमर कस लें और संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में आपसी एकता बनाए रखें।

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