गऊ के गोबर से बने दीयों और अन्य सामग्री की बढ़ी माँग: सचिन शर्मा

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब गऊ सेवा आयोग के चेयरमैन श्री सचिन शर्मा ने खुशी व्यक्त करते हुये बताया है कि आयोग नये प्रयास करते हुये राज्य की गौशालाओं को आत्म-निर्भर बनाने की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने पंजाब निवासियों को दीवाली की शुभ इच्छाएं देते हुये इस दीवाली को वातावरण समर्थकी और प्रदूषण रहित दीवाली मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि लोगों को अब गऊ के गोबर की समझ आ रही है, अब तक इसको केवल खाद बनाने के लिए ही इस्तेमाल किया जाता था परंतु अब इससे बनी वस्तुओं की माँग दिनों-दिन बढ़ रही है।

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सचिन शर्मा ने कहा कि पिछले कुछ समय से जहाँ दीवाली के शुभ त्योहार के मौके पर चाइनीज दीये, मोमबत्तियाँ, आदि बेचने-खरीदने का चलन आम बात थी, ऐसे में वातावरण प्रदूषण से रहित और मानव के लिए उपयोगी गोबर से बने पदार्थों ख़ास कर दीयों की उपलबधता, एक राहत की सूचक है। उन्होंने बताया कि पंजाब में यह पहली बार हो रहा है कि गौशालाओं में बने जैविक दीये आम लोगों तक पहुंच रहे हैं और बाज़ारों में मुहैया होंगे।

उन्होंने बताया कि देखने में रंग बिरंगे और इन सुंदर दीयों की संख्या बढ़ाई जायेगी, जिससे वातावरण प्रदूषित होने से बचेगा। उन्होंने बताया कि इन दीयों में गुगल और हवन सामग्री मिली होने के कारण यह वातावरण को शुद्ध करके सुगंध फैलाते हैं और कीड़े-मकौड़े भी ख़त्म होते हैं। जबकि घर और कारोबारी स्थानों पर जलाने से लक्ष्मी जी का आगमन भी होता है। इसके बिना दीवाली पूजा करने, गोवर्धन पूजा करने या विश्वकर्मा पूजा करने के मौके पर गऊ के गोबर की महत्ता पुरातन समय से है, जिसके लिए इसकी माँग और बढ़ रही है।

सचिन शर्मा ने बताया कि गऊ सेवा आयोग की पहलकदमी के कारण गोबर से गमले, हवन और पूजा सामग्री, खाद समेत बाग़बानी के लिए उपयोगी वस्तुएँ बनाईं जा रही हैं। इसके अलावा खाना बनाने के लिए चूल्हे में बरतने वाले ब्लाक समेत अंतिम संस्कार के मौके पर इस्तेमाल किये जाने वाले उपलों की लकड़ी के बल्ले भी बनाऐ जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयोग की तरफ से इस सम्बन्धी सैमीनार भी करवाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयोग इस सम्बन्धी राज्य के लोगों से सहयोग की माँग करता है जिससे राज्य की गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

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