मवेशियों में एलएसडी रोग को केंद्र तुरंत ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करे : महिला किसान यूनियन

जालंधर(द स्टैलर न्यूज़)। संयुक्त किसान मोर्चा की सदस्य महिला किसान यूनियन ने लंपी त्वचा रोग (एलएसडी) से प्रभावित पशु मालिकों को तत्काल राहत देने की मांग करते हुए केंद्र से कहा है कि सात से अधिक राज्यों के मवेशियों में इस बीमारी का व्यापक प्रकोप है इसलिये एलएसडी को तत्काल महामारी घोषित किया जाए।

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केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन व डेयरी मंत्री और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखे पत्र में महिला किसान यूनियन की अध्यक्ष बीबा राजविंदर कौर राजू ने इस बीमारी को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि एलएसडी से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सहित भारत के कई राज्यों में बड़ी संख्या में दुधारू मवेशी प्रभावित हुए हैं, जिससे दूध उत्पादन और विपणन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इस विकट परिस्थिति में पशुधन के मुकाबले उद्योगपतियों को राहत देने के तरीके में हो रहे भेदभाव को देखते हुए महिला किसान नेता ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि लाखों जानवर इस बीमारी से पीड़ित हैं और हजारों जानवर मर रहे हैं जिसके कारण पशुपालकों को महंगी दवाएं खरीदनी पड़ती हैं। इसमें पशुपालकों को व्यापारिक और आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। उन्होंने अफसोस के साथ कहा कि जिस तरह से गायें बड़े पैमाने पर इस बीमारी की चपेट में आकर दम तोड़ रही हैं वह बहुत ही दर्दनाक और कल्पना से परे है।

बीबा राजू ने कहा कि एलएसडी से संक्रमित जानवरों का अवैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जा रहा है और प्रभावित जानवरों को अक्सर खुलेआम घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है, जिससे यह बीमारी दूसरे जानवरों में फैल जाती है। किसान नेता ने कहा कि जमीनी स्तर पर इस महामारी की प्रभावी रोकथाम के लिए संबंधित केंद्रीय मंत्रालय और राज्य सरकारों द्वारा आपात स्थिति की लगातार निगरानी नहीं की जा रही है, जिससे देश के पशुपालकों और किसानों के साथ भेदभाव दिखाई दे है। इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए महिला नेता ने कहा कि एल.एस.डी. को संक्रामक महामारी घोषित करने से प्रभावित राज्यों को आपदा राहत कोष के माध्यम से राहत मिलने में मदद मिलेगी और इस बीमारी को जल्द से जल्द रोका जा सकेगा।

उन्होंने खुलासा किया कि एलएसडी के फैलने के बाद से अब तक पंजाब में एक लाख से ज्यादा मवेशी प्रभावित हो चुके हैं और करीब 40,000 मवेशियों की मौत हो चुकी है। उन्होंने भगवंत मान को भी इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और वर्तमान स्थिति के अनुसार पशुपालकों को मुआवजा देने को कहा है। इसके अलावा, बीबा राजू ने सुअर पालकों के लिए भी मुआवजे की मांग की है क्योंकि राज्य में अफ्रीकी स्वाइन बुखार से प्रभावित ऐसे जानवरों के वध से पालकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।

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