युवा वर्ग के पास भौतिक सुख सुविधाएं तो हैं, परंतु मानसिक शांति नहीं: शिष्य स्वामी विज्ञानानंद

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से स्थानीय जिला कारागार ऊना बनगढ़ आयोजित तीन दिवसीय आध्यात्मिक चिंतन एवं ध्यान आयोजन के आज तृतीय दिवस संस्थान की ओर से श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी विज्ञानानंद जी ने कैदी बंधु जनों को संबोधित करते हुए कहा कि भौतिकतावाद की अंधी दौड़ में युवा वर्ग के पास भौतिक सुख सुविधाएँ तो हैं परंतु मानसिक शांति न होने के कारण वह चिंता एवं अवसाद से मुक्ति के लिए नशे की दलदल में फंस कर अपनी चारित्रिक शक्ति और नैतिक मूल्यों का ह्रास कर रहा है।

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नशे की परिभाषा देते हुए स्वामी जी ने बताया की “न शम शांतिर्मया इति नशा” अर्थात् जिसमे तनिक भी शांति नहीं, वही नशा है। अवसाद से मुक्ति का उपाय नशा नहीं अपितु इस मानसिक व्याधि को खत्म करने के लिए आत्मिक शक्ति के विकास की आवश्यकता है। हमारे राष्ट्र भक्तों ने राष्ट्र भक्ति का नशा किया और चारित्रिक विकास से ओतप्रोत हो भारत माता को स्वतंत्रता दिलाई। चरित्र भारत भूमि का आधार है और आज उसी धर्म भूमि भारत में अधिकतर युवा शक्ति का चारित्रिक पतन हो रहा है। आवश्यकता है कि युवाओं को ब्रह्म ज्ञान की शक्ति से जाग्रत होकर राष्ट्र में अग्रगण्य भूमिका निभाने की।

आज के युवाओं के आदर्श यदि भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आज़ाद, स्वामी विवेकानंद इत्यादि होंगे तो भारत को फिर से जगतगुरु के पद पर आसीन किया जा सकता है। इस अवसर पर प्रकृति और संस्कृति का रक्षण करने के लिए स्वामी जी युवा शक्ति को जागरूक करवाते हुए संकल्प भी दिलवाया। कार्यक्रम में कारागार उप अधीक्षक जगजीत चौधरी व परवीन कुमार ने ज्योति प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ करवाया। साध्वी वसुधा भारती व बबली भारती ने मेरा रंग दे बसन्ती चोला इत्यादि क्रन्तिकारी राष्ट्र भक्ति के गीत गाकर कैदी बंधू जनों के हृदयों में देश भक्ति की भावना का प्रसार किया। समस्त कैदी बंधुओं ने कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा की।

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