होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के स्थानीय आश्रम गौतम नगर में सप्ताहिक धार्मिक कार्यक्रम करवाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत भजनों द्वारा की गई। अपने प्रवचनों में श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुखधामा भारती जी ने कहा तुर्की के मशहुरउपन्यासकार महमत ईल्दान कहते हैं कि कप्तान के बिना नौका को ज्यादा देर तैराना मुमकिन नहीं है। अर्थात अगर जहाज़ को किसी कुशल कप्तान के बिना चलाया जा रहा है तो यह तय है कि जहाज मंजिल तक पहुँचने से पहले डूब जाएगा।
साध्वी जी ने कहा इसी तरह कप्तान रूपी सद्गुरू ही साधक रूपी जहाज़ की कमान संभाले खड़े होते हैं। उनके बिना साधक हम भवसागर स्वंय नही पार कर सकते। श्री मद् भागवत के ग्यारहवें सर्ग में भी इसी बात को कहा गया कि एक मानव शरीर का उतम नौका समझा जा सकता हैं। जिसको भवसागर से पार लगा देने का बीड़ा कप्तान रूपी सद्गुरू निभाता हैं। भव कि एक कुवाल कप्तान के साथ मुश्किल भारा सफर आसान हो जाता है।
आदि गुरू शंकराचार्य ने तो यहां तक कहा साक्षाच्छीगुरू रूप में त्य कृ प्या दिग्गोचर :सन् प्रभु:। तत्वं साधु विबोध्य तारयति तान् संसार दु:खर्णवात् ।।
अंत में उन्होंनें कहा कि ऐसे ही ब्रहमनिष्ठ सद्गुरू की हमें भी खोज कीनी चाहिए जो हमें शास्त्र स मत ब्रह्यज्ञान प्रदान करे। हम भी आध्यात्मिकता की राहों पर चलके मंजिल को प्राप्त करें।