कपूरथला(द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गौरव मढिय़ा। यह छोकरा तो काबू नही आ रहा, इस पर ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करना होगा। यह उदगार श्री प्रताप धर्म प्रचारणी रामलीला दशहरा कमेटी द्वारा सायं देवी तालाब व रात्रि को शालीमार बाग में मंचित नाटक लक्ष्मण मुर्छा के मंचन दौरान कहे। शालीमार बाग में मंचित इस नाटक का उद्धघाटन चार्टड अकाउंटेंट बृजभूषण शर्मा ने किया। इससे पहले श्री राम युद्ध से पहले एक बार अंगद को अपना शांतिदूत बना कर लंकापति रावण के पास भेजते है और माता सीता को उन्हें लौटाने का अवसर देते है। ताकि युद्ध को टाला जा सके। परंतु अभिमानी रावण प्रभुराम के इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर देता है और युद्ध का ऐलान कर देता है। युद्ध में दोनों तरफ से भयंकर युद्ध होता है।
रावण सेना की अगुवाई उसका पराक्रमी पुत्र मेघनाद करता है और राम सेना की बागडोर लक्ष्मण सभांलता है। परंतु मेघनाद कपट से ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर लक्ष्मण को मुर्छित कर देता है। बाद में सुषेण वैद्य के कहने से बंजरगबली कालनेमि राक्षस का वध करके संजीवनी बूटी लेकर आता है और लक्ष्मण पुन: होश में आ जाते है और श्रोतागण जयश्री राम और जय बंजरगबली के जयकारों से माहौल को धार्मिक रंगत दे देते हैं।
रावण का अभिनय कलाकार पवन कालिया, प्रभु राम का किरदार विनय शर्मा, लक्ष्मण का अभिनय अंकुर व मेघनाद का किरदार मनीश ने निभाया। इस अवसर पर सभा के अध्यक्ष विनोद कालिया, राजेश सूरी, कृष्ण लाल सर्राफ, कमलजीत सिंह, बिशंवर दास, रजिंदर वर्मा, सतीश शर्मा, सुरिंदर शर्मा, दविंदर कालिया, मंगल सिंह, एडवोकेट पवन कालिया, गुलशन लुंबा, अश्वनी सूद, हरवंत सिंह भंडारी, मोती लाल, अशोक बवल, पुलकित सूरी, भूपिंदर सिंह, जोगिंदर जेके, बावा पंडित, किशन दत्त शर्मा, रघु शर्मा, अक्षत कालिया व अन्य कलाकार मौजूद थे।