नवंबर महीना चरणबद्ध समागमों के द्वारा पंजाबी मातृभाषा को समर्पित रहेगा: मीत हेयर  

चंडीगढ़, (द स्टैलर न्यूज़)। भाषा विभाग की तरफ से पंजाबी मातृभाषा को समर्पित पूरे नवंबर महीने को ‘पंजाबी माह’ के तौर पर मनाने का फ़ैसला किया गया जिसके अंतर्गत साहित्य की अलग-अलग विधाओं से सम्बन्धित महीना भर राज्य के अलग-अलग स्थानों पर राज्य और जि़ला स्तरीय समागम करवाए जाएंगे। अपनी रचनाओं/लेखनी से पंजाबी भाषा को समृद्धता प्रदान करने वाली महान शख्सियतों को समर्पित समागम भी करवाए जाएंगे। यह जानकारी उच्च शिक्षा और भाषा संबंधी मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने आज यहाँ जारी प्रैस बयान के द्वारा दी।  

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मीत हेयर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व अधीन राज्य सरकार पंजाबी मातृभाषा की प्रफुल्लता के लिए वचनबद्ध है। पंजाबी माह की शुरुआत 1 नवंबर को भाषा भवन पटियाला में राज्य स्तरीय समागम के द्वारा होगी जिसके बाद पूरा महीना राज्य के अलग-अलग स्थानों पर रोज़मर्रा के प्रोग्राम होंगे। 30 नवंबर को समाप्ति समारोह होगा। महीने के दौरान सात राज्य स्तरीय और बाकी जि़ला स्तरीय समागम होंगे और हर जिले में कम से कम एक समागम होगा।  

उच्च शिक्षा मंत्री के निर्देशों पर पंजाबी माह के प्रोग्रामों की रूप-रेखा बनाने के लिए प्रमुख सचिव जसप्रीत तलवार की तरफ से पंजाब भवन में भाषा विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग भी की गई। प्रमुख सचिव ने बताया कि पंजाबी माह के उद्घाटनी समारोह में साहित्यक समागम करवाने के साथ-साथ सर्वोत्तम पंजाबी पुरुस्कार भी बाँटे जाएंगे। 01 से 07 नवबंर तक पटियाला में राज्य स्तरीय पुस्तक प्रदर्शनी लगाई जायेगी। इसके इलावा नाटक मंडलियों की तरफ से नाटक पेश किये जाएंगे और उभरते लेखकों के साथ संवाद रचाया जायेगा। 01 नवंबर को जि़ला स्तर पर पंजाबी भाषा चेतना रैली निकाली जायेगी।  

प्रोग्रामों की रूप-रेखा के बारे जानकारी देते हुये भाषा विभाग की ज्वाइंट डायरैक्टर वीरपाल कौर ने बताया कि महीना भर चलने वाले समागमों में लेखकों के साथ साक्षात्कार, कवि दरबार, साहित्यक प्रश्नोत्तरी मुकाबला, कोरियोग्राफी, लोक धारा, लोक भाषा और लोक गीत मुकाबले, साहित्य सृजन करना और कविता गान मुकाबले, नाटक मेला, रू-ब-रू समागम, पुआधी कवि दरबार, पुस्तक विमोचन समागम, परंपरागत लोक गायकी समागम करवाए जाएंगे। इसके इलावा बाबा शेख फऱीद को समर्पित, वारिश शाह की 300वीं जयंती, भाई वीर सिंह के 150वीं जयंती, उपन्यासकार नानक सिंह की 125वीं जयंती, साहित्य रत्न अजमेर सिंह औलख को समर्पित समागम भी करवाए जा रहे हैं।  

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