कैसा चक्कर चलाया रे श्याम तेरी उंगली ने: नीलकंठ शास्त्री

जनौड़ी (द स्टैलर न्यूज) रिपोर्ट: राकेश भार्गव । समुह ग्राम निवासी बसंतपुर ढोलवाहा द्वारा करवाए जा रहे श्रीमद्भागवत जी की कथा के पांचवें दिन उत्तरी भारत के सुप्रसिद्ध बांसुरी वादक नीलकंठ शास्त्री ने कथा का प्रारंभ श्री कृष्ण जी के भजनों की मुरली बजा कर किया। उन्होंने आज गोवर्धन पूजा का प्रसंग सुनाते हुए बताया कि इंद्र के प्रकोप से ब्रज वासियों को मूसलाधार वर्षा से बचाने के लिए 7 दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर उठा कर रखा था।

Advertisements

गोप गोपिकाएं 7 दिन तक उसकी छाया में सुख पूर्वक रहे। सातवें दिन भगवान ने गोवर्धन जी को नीचे रखा और प्रतिवर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव अन्नकूट के नाम से भी मनाया जाता है। उन्होंने कैसा चक्कर चलाया रे, श्याम तेरी उंगली ने और तेरे माथे मुकुट विराज रहयो सुना कर वातावरण को भक्तिमय कर दिया। प्रबंधक कमेटी द्वारा सभी भक्तों के लिए अटूट लंगर की व्यवस्था भी की गई थी। इस मौके ढोलबाहा, रामटटवाली, मनहोता तथा जनौड़ी से भी बहुत बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here