अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। भाजपा की वरिष्ठ नेत्री लक्ष्मीकांता चावला ने पंजाब सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री अधिकतर पंजाब से बाहर रहते हैं और डीजीपी पंजाब आम जनता से दूर। डीजीपी को पंजाब की घटनाओं दुर्घटनाओं की जितनी चाहे सूचना दे दी जाए वे कभी न उत्तर देते हैं न कार्यवाही करते करवाते हैं। अब जब श्री सुधीर सूरी की हत्या हेा गई तो उसके बाद सारे अफसरों को लेकर घटनास्थल पर आने से पहले उन्हें कोई चिंता नहीं हुई। वे यह बताएं कि जो विदेशी एजेंसियों के इशारे पर पंजाब में नया संत बनकर आ गयाव है और जैसा कि सरकारी सूत्रों से जानकारी है कि सुधीर सूरी की हत्या करने वाला भी उसी संत का चेला है।
आखिर कितने लोगों को मरवाकर पंजाब पुलिस और सरकार होश में आएगी? होना यह चाहिए कि मुख्यमंत्री जनता के निकट रहें और पंजाब पुलिस के सभी आईजी मुख्यालयों में शिकायतें सुनने के लिए निश्चित दिन और समय तय किया जाए। क्या यह जानते हैं कि अमृतसर और तरनतारन जिले के कुछ गांवों में मंदिर तोड़ दिए गए हैं? क्या डीजीपी जानते हैं कि जिसने करवाचौथ की व्रत रखने वाली महिलाओं काा अपमान किया वह खुलेआम गरज रहाह ै और जिन्होंन केवल गालियां निकालने वाले ज्ञानी की निंदा की उन्हें जेल में डाल दिया और बुरी तरह पीआ भी। क्या डीजीपी जानते हैं कि अमृतसर के महामंडलेश्वर अशनील जी महारजा को कितनी धमकियां मिल रही है, पर अमृतसर पुलिस कमिश्नर और डीजीपी पंजाब ने इस विषय में आंखें बंद की है और मौन रखा है।
इससे पहले औरब ड़ी दुर्घटना हो, पंजाब पुलिस के उच्चाधिकारी केवल दूरदर्शनी अधिकारी न बने रहें, जनता में घूम घूम कर देखें कि जनता की हालत क्या है। गांवों में अल्पंसख्यक कैसे जी रहे हैं और कितने मंदिर तोड़ दिए हैं। अगर ुपलिस और सरकार इसी तरह लापरवाह रही तो जो काले दिन हमने पंजाब में देखे और सहन किए हैं वे वह फिर से आ सकते हैं।