होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने यह कहा है कि नफरत फैलाने वाला भाषण पोस्ट किया तो पुलिस दर्ज करेगी प्राथमिकी। यह अच्छा कदम है, अगर निष्पक्ष रूप से सरकार लागू करे तो। अगर पक्षपात और ताकत के चश्मे से ही देखकर केस दर्ज करने हैं तो ऐसे वक्तव्यों का कोई लाभ नहीं। उक्त बात भाजपा वरिष्ठ महिला नेता लक्ष्मीकांता चावला ने करते हुए कहा कि जनता को भुलेखे में डालना है। अक्टूबर 13 को करवाचौथ से पहले एक ज्ञानी ने करवाचौथ की निंदा करते हुए जो बयान दिया उसके लिए तो डीजीपी से भी अपील की थी कि यह हमारी आस्थाओं का मजाक उड़ाने वाला व्यकित निरंकुश बोल रहा है।
उस पर तो कोई केस दर्ज नहीं किया, लेकिन जिन ग्रामीण युवकों ने उस ज्ञानी के लिए अपशब्द कहे उन पर केस भी दर्ज किया, जेलों में भेजा और कई ऐसी धाराएं लगाईं जिनका कोई मतलब नहीं था। अगर डीजीपी अपने भाषण और वक्तव्य के पक्के हैं तो देर से ही सही एक महीने पहले ज्ञानी जसवंत सिंह द्वारा करवाचौथ पर हमारी आस्थाओं के मजाक उड़ाने का केस दर्ज करें अन्यथा जनता यह जानती है कि ऐसे बयानों का कोई मतलब नहीं। राजनेता इस तरह के सारहीन वक्तव्य दें तब तो समझ आती है, लेकिन जब पंजाब के पुलिस मुखी यह बात कहते हैं और करवाचौथ का मजाक उड़ाने वालों पर केस दर्ज नहीं करते तब कई प्रकार के प्रश्नचिह्न लगते हैं।