कपूरथला(द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गौरव मढिय़ा। देश में आरक्षण (रिजर्वेशन) का मुद्दा सालों से चला आ रहा है।आजादी से पहले ही नौकरियों और शिक्षा में पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण देने की शुरुआत कर दी गई थी। इसके लिए अलग-अगल राज्यों में विशेष आरक्षण के लिए आंदोलन होते रहे हैं।बुधवार को शिव सेना बाल ठाकरे के प्रदेश प्रवक्ता ओमकार कालिया ने सामान्य वर्ग के लिये 10 प्रतिशत की जगह 50 प्रतिशत आरक्षण की मांग उठाई है।उन्होंने कहा कि देश में सामान्य वर्ग की स्थिती अत्यंत दुर्बल व खराब हो चुकी है।संविधान और सरकार सामान्य वर्ग के साथ सौतेला व्यवहार कर यह मान लिया है कि सामन्य वर्ग इस देश का नहीं है।इसलिए इन्हें कोई सुविधा नहीं दी जा सकती।उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत नहीं 50 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए,एस सी एक्ट की तरह सामान्य एक्ट का निर्माण हो और वही सब प्रावधान हो जो एस सी एक्ट में है।
साथ ही आजादी से लेकर आज तक सामान्य वर्ग की स्थिति के आंकलन के लिए सामान्य आयोग की स्थापना की जाये।संविधान सामान्य वर्ग के छात्रों के साथ भेदभाव करता है अब ये स्वीकार नहीं है।जो सुविधा दूसरे वर्ग छात्रों को मिलती है जैसे आयु व फीस में छूट वही सुविधा सामान्य वर्ग के छात्रों को मिलनी चाहिए साथ ही पुलिस जैसी परीक्षा में शारीरिक मापदण्ड में भी छूट होनी चाहिए।कालिया ने कहा कि मैं ग़रीब सवर्णों के आरक्षण के विरुद्ध नही हूं बल्कि उस मानसिकता का हूं कि जब-जब एससी/एसटी/ओबीसी का मामला आया तो हमेशा सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि इंदिरा साहनी मामले में लगी 50% सीमा पार नहीं की जा सकती।कालिया ने कहा कि फ़र्ज़ कर लें कि प्रधानमंत्री मोदी महिलाओं को 10 फ़ीसद आरक्षण देने का फ़ैसला करें और उनमें से एससी-एसटी तथा पिछड़ी जातियों की महिलाओं को यह कहते हुए बाहर कर दें कि उन्हें पहले से ही आरक्षण का लाभ मिल रहा है तो क्या होगा।