सरकारी स्कूल शेरगढ़ में किशोर शिक्षा कार्यक्रम तथा पंजाब स्टेट ऐड्स कंट्रोल सोसायटी ने कार्यशाला का किया आयोजन

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद पंजाब के सौजन्य से सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल शेरगढ़ में किशोर शिक्षा कार्यक्रम तथा पंजाब स्टेट ऐड्स कंट्रोल सोसायटी द्वारा एड्स के नियंत्रण के लिए करवाए जाने वाले कार्यक्रमों के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य स्कूली बच्चों में सकारात्मक व्यवहार को सुदृढ़ करने और किशोरावस्था के जीवन कौशल में सुधार करने के लिए, उन्हें नकारात्मक साथियों के दबाव से निपटने में मदद करने के लिए, सकारात्मक व्यवहार विकसित करने, यौन स्वास्थ्य में सुधार करने, पदार्थ निर्भरता से बचने और एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए अध्यापकों द्वारा उन्हें ज्ञान देने संबंधि था। इस कार्यशाला में नवांशहर के रिटायर्ड सिविल सर्जन डॉक्टर जी एस कपूर विशेष रूप से शामिल हुए।

Advertisements

उनके साथ डॉक्टर चेतना शर्मा, डॉ नमिता सूद, शिक्षक चंद्रप्रकाश तथा डॉक्टर सवीन सैनी ने अलग-अलग विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए।प्रिंसिपल राजन अरोड़ा ने बताया कि इस कार्यशाला में 152 स्कूलों के दो-दो अध्यापकों (एक स्त्री,एक पुरूष) ने भाग लिया। डॉक्टर जी एस कपूर ने बताया कि विद्यार्थियों को स्वास्थ्य लाभ में किन-किन जरूरी खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। शरीर में होने वाली किन कमियों का ध्यान रखना चाहिए और किसी तरह के भी बाहरी पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। डॉक्टर चेतना शर्मा ने तनाव मुक्त जीवन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी उन्होंने बताया कि कैसे बच्चे भिन्न-भिन्न प्रकार के तनावों से किशोरावस्था में गुजरते हैं, और इस प्रकार के तनाव को कैसे दूर किया जा सकता है, उसके बारे में विस्तार से चर्चा की। उसके बाद डॉ नमिता सूद ने किशोरावस्था पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि कैसे हम स्कूलों में एक प्रश्न बॉक्स लगा सकते हैं। हमारे स्कूल की मैगजीन में किशोरावस्था पर बच्चों के विचार व्यक्त करवा सकते हैं। रोलप्ले करवा सकते हैं, तथा भिन्न-भिन्न क्रियाओं द्वारा उनमें भरी हुई ऊर्जा को इस्तेमाल किया जा सकता है, ताकि वे तनाव मुक्त हो सके।डॉ स्वीन सैनी ने भी बच्चों की भिन्न भिन्न समस्यायों पर चर्चा की तथा बताया कि कैसे बच्चे भावनात्मक तौर पर तनाव में गुजर रहें होते हैं,पर उनकी भावनायों को कोई जल्दी समझ नहीं पाता,परन्तु एक अध्यापक उसे बेहतर समझ सकता है,तथा उसे उस भंवर से निकाल सकता है। उप-जिला शिक्षा अधिकारी धीरज विशिष्ट ने बड़े ही विस्तार पूर्वक इस सारे कार्यक्रम पर चर्चा की और कई ज्ञान की बातें अध्यापकों से सांझी की, जिनसे कई लोग अपरिचित थे।

उन्होंने बताया कि कैसे हम आने वाले खतरों को बच्चों से दूर कर सकते हैं तथा उनकी यह किशोरावस्था को आनंदमय बनाने में सहायक हो सकते हैं, और उन्हें होने वाले नुकसान से दूर कर सकते हैं। चंद्र प्रकाश जी ने भी अपने निजी अनुभवों को यहां पर सांझा किया और सभी को उत्साहित किया कि सभी अध्यापक कैसे अपने अपने क्षेत्र में कार्य कर सकते हैं। अंत में प्रिंसिपल राजन अरोड़ा ने सभी आए हुए मेहमानों का धन्यवाद किया जिन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाया।इस कार्यक्रम का मंच संचालन लैक्चरार मनोज दत्ता ने किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here