6वीं से 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों के भविष्य के बारे में भी विचार करे: रणजीत राणा 

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब सरकार की ओर से शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाने के लिए पंजाब के 117 स्कूलों को स्कूल ऑफ ऐमीनैंस बनाना तथा शिक्षा के स्तर को और आगे लेकर जाना बढि़या प्रयत्न है पर इसके साथ 6वीं से 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों के भविष्य के बारे में भी विचार करे। इस सम्बघी लॉयन रणजीत सिंह राणा प्रधान श्री गुरू रविदास भवन, मुहलला भीम नगर (डिस्ट्रिक चेयरमैन स्पोर्टस लॉयन डिस्ट्रिक 321 डी) ने कहा कि सरकार ने पालिसी के तहत स्कूल ऑफ ऐमीनैंस बनाये हैं, उनको लगता है कि शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाया जा सकता है, पर सरकार को आने वाले परिणामों के बारे में सोचना चाहिए जो स्कूल ऑफ ऐमीनैंस स्थापित किये गये हैं।

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यहां इस समय 6वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं पर अब सरकार ने स्कूल ऑफ ऐमीनैंस को 6वीं कक्षा के नये विद्यार्थियों को दाखिला न देने के हदायत की है। यहां सोचने वाली बात यह है कि सरकार तथा शिक्षा विभाग इस बात से अनजान क्यों हैं कि 6वीं से 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों का भविष्य क्या होगा तथा उनको कहां दाखिला दिया जायेगा ? यह बात कहीं भी सामने नहीं आई। विद्यार्थियों के साथ-साथ उनको पढ़ाने वाले अध्यापकों को काफी नुक्सान होगा, उनको भी कहीं शिफ्ट कर दिया जायेगा। यहां तक पता चला है कि इन स्कूलों के प्रिंसीपल भी नये नियुक्त किये जा सकते हैं जबकि शिक्षा शास्त्रियों का मानना है कि ऐसी स्थिति में प्रिंसीपल की ड्यूटी निभाने वाले अध्यापकों को मनोबल गिर जायेगा, क्या उनकी योग्यता पर संदेह किया जा रहा है। अगर ऐसा है तो वो आज तक स्कूलों के बढि़या परिणाम कैसे दे रहे हैं। इन स्कूलों में दाखिला केवल 9वीं तथा 11वीं कक्षा में टैस्ट के आधार पर ही होगा तथा इस सम्बन्धी शिक्षा विभाग की ओर से हदायतें भी जारी कर दी गई हैं।

लॉयन रणजीत सिंह राणा ने कहा कि दाखिला टैस्ट होने के कारण इन स्कूलों में केवल होशियार विद्यार्थी ही दाखिला ले सकेंगे, जबकि शैक्षणिक आधार से औसत तथा निचले स्तर के विद्यार्थियों का दाखिला नही मिलेगा तो फिर शैक्षणिक स्तर से औसत तथा निचले स्तर के विद्यार्थी कहां दाखिला ले सकेंगे। क्या वो शिक्षा से वंचित रह जायेंगे, ऐसे कई सवाल अभी भी ज्यों के त्यों हैं। जिसके लिए न तो शिक्षा विभाग तथा न ही सरकार ने कभी कोई ब्यान जारी किया है। इस तरह पंजाब सरकार बच्चों को सरकारी शिक्षा से वंचित रखकर प्राईवेट स्कूलों की तरफ जाने के लिए मजबूर कर रही है। क्या सरकार गरीब तथा मध्यम वर्गीय परिवार जिनके परिवारों के घर का खर्चा भी बहुत मुश्किल से चलता है, उनके बच्चों को प्राईवेट स्कूलों में भेजने के लिए मजबूर करेगी। लॉयन राणा ने कहा कि पंजाब सरकार को सोचना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी का भविष्य क्या होगा ? सरकार को चाहिए कि इन्हीं स्कलों में 6वीं से 8वीं तक का विंग चलाया जाये ताकि इन बच्चों का भविष्य भी इन्हीं स्कूलों में सुरक्षित रह सके।  

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