तूड़ी का दान स्वर्ण के दान के बराबर: अशवनी गैंद 

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। सभी किसान तथा जि़मीदार भाईयों से अपील है कि कटाई का सीजन शुरु होने पर तूड़ी का दान करें। किसान वर्ग को एक अन्नदाता का दर्जा दिया गया है। अन्न्दाता एक भगवान के बराबर होता है और आने वाले समय मे कनक की फसल तैयार है जिस की कटाई में निकलने वाली तूड़ी का कुछ हिस्सा गऊशालाओं में पल रही लवारिस गऊधन के लिए जरुर रखें। उक्त बात नई सोच वैलफेयर सोसायटी के संस्थापक अध्यक्ष अशवनी गैंद व पूर्व पार्षद सुरेश भाटिया बिट्टू, लक्षमी नरायण, जीवन जोती कालिया, नीरज गैंद ने कही।

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उन्होने बताया कि खास तौर पर कैटल पाऊंड फलाही में ज्यादा से ज्यादा तादाद में तुड़ी भेजें ताकि लवारिस गऊधन जो कि 400 के करीब है और दानी सज्जनों की मदद से ही चलाई जा रही है और कई बार बिना चारे के गऊमाता को भूखा रहना पड़ता है। तूड़ी एक ऐसा चारा है जिसे पूरा साल स्टोर कर रखा जा सकता है और तूड़ी दान स्वर्ण दान (सोना) के दान के बराबर है और आने वाली भीष्ण गर्मी में हरे चारे की मुश्किल आ जाती है और इस कारण तूड़ी स्टोर करना जरुरी है। डिप्टी कमिश्नर मैडम कोमल मित्तल जी से निवेदन है कि इस बात को ध्यान में  रखते हुए गांवों के सरपंचों से बात करके तूड़ी स्टोर करने का इंतजाम करे और इस के साथ-साथ दानी सज्जनो से अपील है कृप्या रोजाना हरा चारा अपनी सम्रथा अनुसार कैटल पाऊंड फलाही में भेजते रहे। जो दानी सज्जन पहले से सहयोग कर रहे है नई सोच संस्था उनका कोटि कोटि धन्यवाद करती है। 

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