पंजाब के भविष्य को नशे की दलदल में डुबाने वालों के खि़लाफ़ मुख्यमंत्री की मिसाली कार्रवाई

चंडीगढ़, (द स्टैलर न्यूज़)। नशा तस्करी के घृणित अपराध में शामिल लोगों के साथ कोई नरमी न बरतने की नीति पर चलते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को पी. पी. एस. अधिकारी राजजीत सिंह की मानवता के विरुद्ध इस घृणित अपराध में शमूलियत सामने आने के बाद उसकी सेवाओं को बख़ार्स्त कर दिया है।

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और विवरण देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्रवाई पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की हिदायतों अनुसार है, जिनमें कहा गया था कि राज्य में नशे के कारोबार से सम्बन्धित रिपोर्ट में नामज़द व्यक्तियों के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई की जाये। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नशे के द्वारा पंजाब की जवानी को बर्बाद करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा। भगवंत मान ने कहा कि राजजीत के इस गंभीर जुर्म में शमूलियत का पता लगा है, इसलिए उसकी सेवाएं तुरंत प्रभाव के साथ ख़त्म कर दी गई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्बन्धी और विवरण बहुत जल्द सांझा किये जाएंगे और कहा कि यह सिर्फ़ शुरुआत है। राज्य और नौजवानों के विरुद्ध इस घृणित अपराध में शामिल सभी लोगों को कानून के कटघरे में लाया जायेगा। उन्होंने कहा कि पिछली अकाली- भाजपा और कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान बढ़े नशे ने राज्य की आने वाली पीढ़ियों को बर्बाद कर दिया है। भगवंत मान ने कहा कि इन दोनों पार्टियों के धनाढ्य नेताओं ने नौकरशाहों और नशा तस्करों की मिलीभुगत के साथ इस ग़ैर-कानूनी धंधे की सरप्रस्ती की जिससे ग़ैर-कानूनी ढंग के साथ पैसा इकट्ठा किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर जांच रिपोर्ट लम्बे समय से ठंडे बस्ते में थी क्योंकि पिछली सरकार में कोई भी पंजाब के भविष्य को तबाह करने वाली ताकतों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए गंभीर नहीं था। भगवंत मान ने कहा कि अब जब उनको हाई कोर्ट से तीन पैकटों में रिपोर्ट प्राप्त हो गई है तो राज्य और इसके नौजवानों की विरोधी ताकतों के विरुद्ध सख़्त से सख़्त कार्रवाई यकीनी बनाई जायेगी। उन्होंने पंजाबियों को भरोसा दिलाया कि उन लोगों के खि़लाफ़ मिसाली कार्रवाई की जायेगी, जिनके हाथ नशे का शिकार हुए अनगिनत नौजवानों के खून से रंगे हुए हैं।

ज़िक्रयोग्य है कि यह रिपोर्टें पाँच सालों से लटक रही थीं और पिछली कांग्रेस सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की परन्तु पद संभालने के बाद मुख्यमंत्री ने 15 फरवरी को हाई कोर्ट में सहमति दे दी थी। भगवंत मान ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में पेश की सभी सीलबंद रिपोर्टें जो पुलिस अधिकारियों और नशा तस्करों के बीच गठजोड़ का पर्दाफाश करती हैं, को सार्वजनिक करने की सहमति दी थी। यह रिपोर्टें विशेष जांच टीम द्वारा पेश की गई थीं, जिसने मामले की गहराई से जांच की थी। इस कार्रवाई ने अफसरों-राजनीतिज्ञों और नशा तस्करों के गठजोड़ के खि़लाफ़ सख़्त कार्रवाई का रास्ता साफ कर दिया है, जो लम्बे समय से इस धंधे में शामिल हैं।

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