चंडीगढ़, (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज सूबे में टेलों पर ( आखिरी खेतों तक) नहरी पानी की सप्लाई को यकीनी बनाने के लिए अपनी सरकार की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराया। यहां जारी बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबा सरकार इस कार्य के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सूबा सरकार के अथक प्रयासों से फाजिल्का जिला के दूर-दूरगामी क्षेत्रों में पहले ही पानी पहुंचाया जा चुका है। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार ने सूबे के नरमा काश्तकारों के साथ एक अप्रैल से नहरी पानी देने का वायदा किया था और निश्चित समय पर उनके खेतों तक पानी पहुंचाकर यह वायदा पूरा किया गया।
तेज़ी से पानी का स्तर गिरने के कारण पैदा हो रही गंभीर स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक धरती निचले पानी का संबंध है, सूबे के लगभग सभी ब्लाक डार्क ज़ोन (खतरे की स्थिति में) में हैं। भगवंत मान ने कहा कि कृषि के लिए अंधा-धुंध पानी निकालने के कारण ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस रुझान को तुरंत रोकने की आवश्यकता है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ीयों को पानी के संकट से जूझना न पड़े। उन्होंने कहा कि इसलिए नहरी पानी का उचित ढंग से प्रयोग करने से भू-जल पर बोझ कम किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबा सरकार धरती निचले पानी को बचाने के लिए नहरी पानी की अधिक से अधिक प्रयोग करने के लिए बड़े कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि इस समय पंजाब अपने नहरी पानी का सिर्फ़ 33 प्रतिशत से 34 प्रतिशत प्रयोग हो रहा है और आने वाले दिनों में इसमें और इजाफा किया जायेगा। भगवंत मान ने उम्मीद प्रकट कि यदि पंजाब पहले पड़ाव में नहरी पानी के प्रयोग को 60 प्रतिशत तक बडा दिया जाये तो कुल 14 लाख में से करीब चार लाख ट्यूबवैल बंद हो सकते हैं जिससे पानी की बचत में मदद मिलेगी।