श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता के लिए बसपा वचनबद्ध: करीमपुरी

dinesh papu copy

-सिख संगत के खिलाफ दर्ज किए मामले वापस लिए जाएं-
होशियारपुर। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रदेश प्रधान व पूर्व राज्यसभा सांसद अवतार सिंह करीमपुरी ने कहा कि बसपा श्री अकाल तख्त साहिब जी की सर्वोच्चता के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि बादल ने हमेशा ही सिख संस्थाओं को अपने निजी राजनीतिक हितों के लिए इस्तेमाल किया है। इस कारण विश्व भर के सिखों में रोष है। बसपा सिख संगत के सहयोग के साथ श्री अकाल तख्त साहिब जी की सर्वोच्चता को बरकरार रखने के लिए लगातार गतिशील रहेगी। करीमपुरी ने यह बात होशियारपुर में वीरवार को बसपा की एक बैठक के दौरान कही। करीमपुरी ने कहा कि सिख धर्म से संबंधित संस्थाओं का इस्तेमाल निजी राजनीतिक हितों के लिए नहीं, बल्कि समूची मानवता की भलाई के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की घटनाओं के पीछे एक गहरी साजिश है। बादल ने इन घटनाओं की जांच केंद्र सरकार के जरिए सी.बी.आई. के हवाले की है। यह बात आम है कि सी.बी.आई. केंद्र सरकार के प्रभाव में काम करती है। केंद्र में भाजपा की सरकार है, जिसे आर.एस.एस. चलाता है। आर.एस.एस. के साथ बादल का गठबंधन है। इस कारण सी.बी.आई. से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। इन घटनाओं की जांच सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के मौजूदा जज से करवाई जानी चाहिए। करीमपुरी ने यह भी कहा कि बेअदबी की घटनाओं के विरोध में सिख संगत की ओर से अकाली नेताओं के खिलाफ भी अपना रोष व्यक्त किया गया। इस रोष को लेकर प्रदेश सरकार ने आदमपुर व कपूरथला में सिख संगत के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। अगर सिख संगत की ओर से किसी तरह का कोई उल्लंघन भी हुआ हो, तब भी प्रदेश के हितों व शांति बरकरार रखने के लिए यह जरूरी है कि ये मामले रद किए जाएं। सरकार सिख संगत के खिलाफ जल्दबाजी में कोई कदम न उठाकर उनकी गिरफ्तारी न करे, बल्कि संयम से इन मामलों को सुलझाए। सिख संगत पर दर्ज किए गए मामले रद्द किए जाएं। बसपा प्रदेश प्रधान ने यह भी कहा कि अकाली दल व भाजपा का सिख विरोधी चेहरा पहले ही जाहिर हो चुका है। इसके अलावा कांग्रेस भी 1984 में सिखों के कत्लेआम के लिए जिम्मेवार रही है। इसी तरह आम आदमी पार्टी सांसद की ओर से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की हजूरी में शराब पीकर शहीदी समागम में जाकर सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। उन्होंने कहा कि इस कारण इन पार्टियों से पंजाब व सिख समाज की भलाई की कोई उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। देशभर में बसपा ही ऐसी पार्टी है, जो कि दलित-पिछड़े वर्ग व अल्पसंख्यकों की बेहतरी के लिए काम करती है। उन्होंने कहा कि जिस तरह उत्तर प्रदेश में आरएसएस, भाजपा व समाजवादी पार्टी से पीडि़त मुस्लिम भाईचारा बसपा के साथ जुड़ा है, उसी तरह पंजाब में भी सिख समाज को बसपा के साथ जुडक़र आरएसएस के हिंदू राष्ट्र के एजेंडे के खिलाफ खड़े होना चाहिए। इसके अलावा अवतार सिंह करीमपुरी ने यह भी कहा कि बसपा की ओर से भगवान वाल्मीकि जी का प्रकाशोत्सव प्रदेश स्तर पर 8 नवंबर को अमृतसर में मनाया जा रहा है। उन्होंने पंजाब वासियों से अपील की कि वे अधिक से अधिक गिनती में इस समागम में शामिल हों। इस मौके पर बसपा के प्रदेश कोआर्डिनेटर रशपाल राजू, जालंधर जोन इंचार्ज मास्टर राम लुभाया, मंडल कोआर्डिनेटर निशान चौधरी, हरभज मेहमी, मदन सिंह बैंस, चब्बेवाल से बसपा उम्मीदवार गुरलाल सैला, जिला प्रधान दलजीत राय, दिनेश कुमार पप्पू, ओंकार सिंह नलोइयां, सुखदेव बिट्टा, डॉ. रत्न चंद, बूटा राम मुकेरियां, दर्शन लद्दड़, शिव राम मांझी, चमन लाल, डॉ. जोगिंदर पाल व जगन नाथ आदि भी मौजूद थे।

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