शहरों से अब गांव की गलियों तक पहुंचा नशा, सरकार उठाए कड़े कदम: रविंद्र डोगरा

हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रजनीश शर्मा । यूँ तो हिमाचल प्रदेश एक शांत, खुशहाल, प्राकृतिक तथा देवताओं के वास वाला रमणीय राज्य माना जाता है लेकिन पिछले 3-4 सालों से हिमाचल प्रदेश में नशे के बढ़ते कदमों ने अशांति फैला दी है यह कहना है हिमाचल प्रदेश के समाज सेवी रविन्द्र सिंह डोगरा का जिन्होंने नशे की वजह से हो रही जवान मौतों पर गहरी चिंता जताने के साथ – साथ सरकारों और पुलिसिया कार्यप्रणालियों पर रोष प्रकट किया है। डोगरा ने कहा जहाँ पहले स्थानीय स्तर पर ही लोग चरस , गांजा, अफीम और शराब का सेवन करते थे और कुछ लोग व्यापार भी करते थे उससे पिछले 50 सालों में इतना नुकसान हमारी देवभूमि का और यहाँ के नौजवानों का नहीं हुआ जितना कि आज के युग के आधुनिक नशे सिंथेटिक ड्रग ( मेथ, कोकीन, ब्राऊन शुगर)  और सबसे ज्यादा पिछले 4 सालों से चिट्टे ने युवाओं को लीलने का काम किया।

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डोगरा ने कहा भले ही नशा एक सामाजिक बुराई है और समाज के हर वर्ग का काम है इस बुराई के खात्मे के लिए आगे आना पर नशे के माफिया से निपटना गाँव देहात या कुछ युवाओं के बस की बात नहीं  इसलिए सरकार तथा पुलिस को इनसे सख्ती से निपटना होता है और वह भी एक तयशुदा रणनीति तथा राजनीतिक इच्छा शक्ति के साथ क्योंकि अधिकतर नशे के सौदागरों का संपर्क राजनीतिक रसूखदारों से होता है या फिर विभागों के उच्च अधिकारियों या कर्मचारियों के साथ उनकी सांठगांठ होती है। 

डोगरा ने सवाल उठाया , जब पुलिस को यह सब पता है और वह यह भी जानती है कि चिट्टा हिमाचल के बाहर से आता है और पुलिस को यह भी पता होता है कि चिट्टे का नशा कहाँ – कहाँ किस – किस जिले में बिकता है फिर भी चिट्टे की बिक्री लगातार बढती जा रही है इसका मतलब साफ़ है कि सरकारी तंत्र में बहुत बड़ा छेद है।  डोगरा ने जानकारी देते हुए कहा कि यदि हम आंकड़ों पर गौर करें तो 2019 में 1439 केस, 2020 में 1538 और 2021 में 1537 तथा 2022 में 1516 केस चिट्टे या यूँ कहिए एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किए गए और तकरीबन 4500 लोगों को 2023 सितम्बर तक गिरफ्तार किया गया। 

रविन्द्र सिंह डोगरा का कहना है , सबसे बड़ी दस्तक चिट्टे ने वर्ष 2023 के जनवरी से सितम्बर 2023 में हिमाचल में दे  दी एक और पिछले सालों में हर साल जहाँ 1500 केस दर्ज होते थे तथा 2022 में 7 किलोग्राम नशा पकडा गया था।  वहीं  इस साल 2023 में पिछले 10 महीनों में ही लगभग 1600 केस दर्ज हुए और तकरीबन 12 किलोग्राम के आस- पास चिट्टा पकड़ा गया इस हिसाब से  दो गुणा चिट्टा पकड़ा गया और अभी दो महीने बाकी हैं। दुसरे शब्दों में कहें तो वर्ष 2023 में चिट्टे की सप्लाई हिमाचल प्रदेश में 300 गुना तक बड़ गई है और यह इसलिए नही है कि लोग चिट्टे का सेवन अधिक मात्रा में कर रहे है यह इसलिए है कि प्रदेश के जादा से जादा युवा चिट्टा खरीद रहे हैं यूँ समझ लिजिए नये ग्राहकों की संख्या बढती जा रही है अनुमानित 2 से 3 लाख लोग चिट्टे के ग्राहक बन चुके हैं जिनमें से सेवन करने‌ वाले ही बेच भी रहे हैं

आगे जानकारी देते हुए डोगरा ने बताया कि, एक ग्राम का सेवन तीन बार तक किया जाता है और एक आदमी महीने में कम से कम 2 से 3 बार इसे लेता है एक ग्राम चिट्टे का भाव 5 – 6 हजार तक होता है तो यदि 3 लाख ग्राहक महीने में चिट्टा खरीदते या बेचते हैं तो 900 किलो चिट्टा प्रति माह बिक रहा है जिसकी अनुमति राशि लगभग पचास करोड़ ( 500000000/- ) बैठती है इस हिसाब से देखा जाये तो हर साल हिमाचल में छ: हजार करोड़ का व्यापार संभावित आने वाले दिनों में चिट्टा माफिया हिमाचल में करने जा रहा है और हिमाचल सरकार तथा पुलिस पचास करोड़ का चिट्टा जब्त करके सोच रही है कि उन्होंने बहुत बड़ा तीर मार दिया है जबकि हकीकत यह के ये ऊंट के मूंह में जीरा साबित हो रहा आज जो मौतें चिट्टे से हो रही है आने वाले दिनों में इसका आंकड़े बढ़ सकते हैं और आगे हिमाचल की युवा पीढ़ी खोखली होती जायेगी

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