डंके की चोट पर:  सुजानपुर के लिए मंगल फिर रहा भारी

 हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रजनीश शर्मा । सज्जन नगरी … कटोच वंश के राजाओं की राजधानी , लेकिन आज फिर उदास। मंगल एक बार फिर भारी रहा।  वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित धूमल को हरवा सीएम पद गंवाया तो दिसंबर 2022-23 में सुक्खू सरकार  मंत्रीमंडल से राजेंद्र राणा के रूप में मंत्री पद गंवाया।  सुक्खू सरकार में पहले नौ मंत्री थे अब राजेश धर्माणी और यादवेंद्र गोमा के शपथ लेते ही 11 हो गए। दोनों बार राजेंद्र राणा का नाम मंत्री बनने के लिए उछाला गया लेकिन समुंदर की उछाल के बाद लहरें फिर शांत हो गई। भाजपा से बगावत कर राजेंद्र राणा तब राष्ट्रीय स्तर पर  सुर्खियों में आए जब 2012 में  उन्होंने महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष रही अनीता वर्मा को सुजानपुर में करीब 15  हजार वोटों से हरा दिया। उस वक्त भाजपा की उर्मिल ठाकुर तीसरे नंबर पर रही।राजेंद्र राणा ने 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के सीएम घोषित उम्मीदवार प्रेम कुमार  धूमल को 1919  मतों से हराकर भाजपा का भूगोल ही बदल डाला। 2022 में राजेंद्र राणा सुजानपुर सीट से फिर कांग्रेस विधायक चुने गए।

इस बार धूमल चुनाव नहीं लड़े लेकिन उनके चहेते उम्मीदवार कैप्टन रणजीत सिंह राना को भाजपा ने टिकट दिया।  मोदी, अनुराग, धूमल की ताबड़तोड़ रैलियों के बावजूद  राजेंद्र राणा फिर चुनाव जीत गए। कांग्रेस ने 40 सीटें जीती लेकिन वीरभद्र कैंप की लाख कोशिशें कामयाब न हुई। सीएम नादौन के विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू बने और डिप्टी सीएम ऊना जिला से   मुकेश अग्निहोत्री को बनाया गया।  मंत्रीमंडल गठन में राजेंद्र राणा का नाम सामने आया लेकिन सीएम हमीरपुर जिला से होने के कारण हमीरपुर को मंत्री पद  न मिला। कांग्रेस की सीनियर लिस्ट में इंद्र दत्त लखनपाल का सीनियर रिकार्ड भी राणा के आड़े आ गया।12  दिसंबर , 2023 को सुक्खू सरकार का विस्तार हुआ। घुमारवीं से राजेश धर्माणी और जय सिंह पुर से यादवेंद गोमा मंत्री बने लेकिन राजेंद्र राणा फिर भुला दिए गए। राजेंद्र राणा ने भाजपा और कांग्रेस के  दिग्गजों को हराया है। वर्ष  2012  में महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीता वर्मा को तो वर्ष ,2017 में भाजपा के दो बार के पूर्व सीएम और तीसरी बार सीएम घोषित उम्मीदवार। प्रेम कुमार धूमल को हराने वाले राजेंद्र राणा , लगता है अब भाजपा और कांग्रेस  के बीच पिस रहे हैं। दोनों दिग्गज अब भी अपनी अपनी पार्टी में हावी प्रभावी हैं और राजेंद्र राणा रिकार्ड  तोड कांग्रेसी होने के बावजूद   मंत्री पद से बहुत दूर …..। 

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