होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। भारतीय सेना दुनिया की समस्त सेनाओं में अग्रणीय सेना है और हमें अपने सभी वीर सैनिकों पर गर्व है जो हर प्रकार को जोखिम झेल कर हमें जीवन प्रदान करते हैं ताकि हम आजाद भारत की खुली फिजा में सांस ले सकें। उक्त विचार रिटायर्ड कर्नल ललित विग ने भारत विकास परिषद की तरफ से वार मैमोरियल पर सेना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित होकर व्यक्त किए।
भाविप प्रधान प्रमुख समाज सेवी संजीव कुमार की अगुवाई में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कर्नल ललित विग ने बताया कि हमारे सैनिक देश की सरहदों की रक्षा के लिए ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में अपनी जान जोखिम में डाल कर ड्यूटी निभा रहे हैं जहां पर साधारण व्यक्ति का जाना बेहद मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है। शून्य से 40 डिग्री नीचे के तापमान और तपती धूप में ड्यूटी करने वाले हमारे सैनिक सच में महान हैं जो खुद तो हर प्रकार का दुख एवं कष्ट झेल रहे हैं और हमें प्रदान करते हैं सुरक्षा का कवच। जिसके लिए प्रत्येक भारतीय उनका सदैव ऋणि रहेगा।
उन्होंने भाविप द्वारा सेवा दिवस पर शहीद सैनिकों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने हेतु आयोजित कार्यक्रम के लिए सभी को बधाई दी कि यह सैनिकों के लिए भी गर्व की बात है कि देशवासी भी उनके लिए पूरी तरह से समर्पित हैं और सम्मान रखते हैं। इस अवसर पर प्रधान संजीव कुमार ने सैनिकों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि सेना दिवस हमें इस बात का आभास करवाता है कि किसी माता-पिता का लाडला, बहन का भाई तो किसी का पति अपने घर से हजारों मील दूर देश की सेवा के लिए सीमा पर तैनात है और हमें उनके प्रति समर्पण और सम्मान की भावना को व्यक्त करते हुए सदैव उनके कुशल होने की कामना करनी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना का एक-एक जवान धन्य है जो मातृ भूमि एवं देश सेवा को समर्पित होकर अपनी जान हथेली पर लेकर हर पल देश के नाम लगा रहे हैं। संजीव कुमार ने बताया कि भाविप द्वारा समय-समय पर स्कूलों एवं अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में सैमीनार आयोजित किए जाते हैं तथा इस दौरान युवाओं को सामाजिक बुराईयों से दूर रहने के साथ-साथ देश सेवा हेतु भारतीय सेना में भर्ती होने की भी प्रेरणा दी जाती है।
इस दौरान अपने विचार प्रकट करते हुए राजिंदर मोदगिल एवं वरिंदर कुमार चोपड़ा ने कहा कि हमारी सेना हमारा मान एवं सम्मान है तथा हमें भी सैनिकों के साथ-साथ उनके परिजनों के प्रति अपने कर्तव्य को निभाना चाहिए तथा जहां भी कोई सैनिक या उनके परिजन मिलें उनका सम्मान करना चाहिए। ऐसा करने से जहां सैनिकों को मनोबल बढ़ता है वहीं सीमा पर बैठे सैनिकों को अपनी परिजनों की चिंता भी कम होगी।
इस अवसर पर दीपक मेहंदीरत्ता, एच.के. नकड़ा, तरसेम मोदगिल, रमेश भाटिया, जगदीश अग्रवाल, नवीन कोहली, राज कुमार मलिक, डा. जसवाल, तिलक राज शर्मा, कुलविंदर सिंह सचदेवा, सुरिंदर सैनी, कुलवंत सिंह पसरीचा व जयंत अहूजा व रविंदर भाटिया, विपन शर्मा सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।