होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), एसएस डोगरा। केन्द्रीय राज्य मंत्री नितिन गडकरी के आगमन पर होशियारपुर में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे पंजाब भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ इशारों ही इशारों में भाजाप नेताओं को कई इशारे कर गए। जिनसे आने वाले समय में कई बदवाल होने की संभावना जताई जाने लगी है। अकसर होता यह है कि भले ही सरकारी कार्यक्रम हो, लेकिन जिस पार्टी से संबंधित नेता या मंत्री ने आना होता है उस पार्टी के स्थानीय बड़े नेता पहले ही स्टेज पर विराजमान होते देखे जाते रहे हैं। लेकिन इस कार्यक्रम में पहले स्थानीय नेताओं को स्टेज से नीचे बैठाया गया था तथा बाद में उन्हें स्टेज पर बुलाया गया।
जैसे ही प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ का आगमन हुआ तो उनके करीबी होने का दावा करने वाले कई नेताओं द्वारा करीबता दिखाने के भी प्रयास किए गए, लेकिन मामला कुछ अलग ही दिखाई दिया। उनके व्यवहार से लग रहा था कि जो पहले पार्टी में होता रहा वह अब नहीं होगा और संगठन से ऊपर न तो कोई नेता है तथा न ही होने दिया जाएगा व परंपरागत नेताओं द्वारा संभाली गई सत्ता को बदलकर कार्यकर्ताओं को आगे लाया जाएगा।
पार्टी द्वारा भी श्री जाखड़ को विशेषाधिकार दिए जाने को लेकर पहले ही कई भाजपा नेताओं को सुर बागी हो चुके हैं, क्योंकि उन्हें यह बात हज़म नहीं हो रही कि एक गैरी भाजपाई को प्रदेश की कमान सौंप दी गई और वो भी वह नेता जिसे प्रदेश में किसी तरह की पहचान की जरुरत नहीं तथा पार्टी को भी पता है कि उनके धड़े तथा पार्टी से जमीनी स्तर पर जुड़े कार्यकर्ताओं की मेहनत से पंजाब में अच्छे परिणाम आएंगे। राजनीतिक माहिरों की माने तो इन सब के चलते शायद पार्टी हाईकमांड द्वारा कई नेताओं को आइना दिखाने का काम भी पार्टी द्वारा जाखड़ के माध्यम से किया जा रहा है।
सूत्रों की मानें तो अपने-अपने धड़े की उपस्थिति दर्ज करवाने के साथ-साथ गुटबंदी का शिकार नेताओं द्वारा कार्यक्रम को विफल करने के प्रयास भी किए गए, लेकिन वह प्रयास रंग न ला सके तथा कार्यक्रम पूरी तरह से सफल माना जा रहा है। क्योंकि पंडाल पूरी तरह से भरा रहा और लोग गडकरी को सुनने के लिए कार्यक्रम में बैठे रहे। दूसरी तरफ स्थानीय नेताओं द्वारा गडकरी को कुछ इस तरह से घेरा गया था कि सभी खुद को पार्टी का पुराना एवं सच्चा सिपाही दिखाने की होड़ में वह एक दूसरे से आगे ही दिखे।
जिला प्रधान भी एक तरफ खड़े होकर रैली में बड़ी संख्या में लोगों को लेकर पहुंचने वाले नेताओं को गडकरी से मिलवाने और उनकी आवभगत में व्यस्त रहे। जिसके चलते लोगों के मन में जिला प्रधान के प्रति सम्मान की भावना निश्चित तौर पर बढ़ी होगी। यहां तक कि भाजयुमो कार्यकर्ताओं को भी उनके द्वारा बनता मान सम्मान दिया गया और दिलवाया गया। हालांकि कुछेक नेता तो इस बात से खुश थे कि जिला प्रधान को स्टेज पर नहीं बुलाया गया, जबकि प्रधान का कहना था कि वह सेवादार के रुप में आए हैं न कि प्रधान बनकर, उनका फर्ज बनता है कि जो लोग दूर दराज से आए हैं उनका स्वागत करें तथा उन्हें गडकरी जी से मिलाने का प्रबंध करें। जिसमें वह काफी हद तक सफल भी हुए हैं।
कुल मिलाकर कहें तो गडकरी की होशियारपुर फेरी जहां करोड़ों रुपये के प्रोजैक्ट देकर गई, वहीं जाखड़ के व्यवहार से उत्पन्न हुए इशारे और भाजपा की गुटबंदी यहां भी खूब चर्चाओं में रही। अब आने वाला समय ही बताएगा कि प्रदेश हाईकमांड यहां के पार्टी हालात सुधारने के लिए क्या कदम उठाता है।