सरकारी अस्पतालों में निशुल्क होता है कुष्ठ रोग का इलाज: डा. रॉबिन

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। विश्व कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आज जिला होशियारपुर के कुष्ठ आश्रम में सिविल सर्जन डा. बलविंदर कुमार डमाना के दिशा-निर्देशानुसार जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. रॉबिन के नेतृत्व में एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस मौके पर डॉ. सौरव शर्मा, डिप्टी मास मीडिया अधिकारी डॉ. तृप्ता देवी, डिप्टी मास मीडिया अधिकारी रमनदीप कौर ने खास तौर पर शिरकत की। इस अवसर पर कुष्ठ आश्रम के निवासियों को सुरक्षित औषधि किट वितरित किये गये।

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डा. रॉबिन ने इस संबंधित जानकारी साझा करते हुए कहा कि कुष्ठ रोग का इलाज पूरी तरह संभव है। कुष्ठ रोग सूक्ष्म जीवाणु लेप्री से फैलता है। ज्ञात हो कि लोगों में यह गलत धारणा है कि कुष्ठ रोग पापों का फल है, लेकिन यह कोई पाप नहीं बल्कि एक संक्रामक रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खाँसने या छींकने से बूंदों के माध्यम से संक्रमण फैलता है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है। हमें कुष्ठ रोग से पीड़ित किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए, बल्कि उसकी हर तरह से मदद करनी चाहिए। 

डॉ. सौरव शर्मा ने कुष्ठ रोग के लक्षणों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि त्वचा पर हल्के पीले तांबे के रंग या लाल रंग के सुन्न निशान कुष्ठ रोग हो सकता हैं। त्वचा का सुन्न  हो जाना त्वचा के नीचे की नसों के क्षतिग्रस्त होने के कारण होता है। इस रोग के कारण नसें मोटी और सख्त हो जाती हैं। कुष्ठ रोग से प्रभावित अंग पर रोगी को ठंडे गर्म का पता नहीं चलता और किसी प्रकार की चोट भी नहीं लगती, मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं, जिससे शरीर के अंग पीछे की ओर चले जाते हैं और सुन्न होने के कारण कभी-कभी चोट लगने पर ये अंग शरीर से अलग होकर गिर जाते हैं। लेकिन इस बीमारी का इलाज संभव है और सरकारी अस्पताल में बिल्कुल मुफ्त होता है।

डिप्टी मास मीडिया ऑफिसर डॉ. तृप्ता देवी ने कहा कि मल्टी ड्रग ट्रीटमेंट का मतलब एमडीटी कुष्ठ रोग का शत प्रतिशत इलाज है। घावों की संख्या के आधार पर, कुष्ठ रोग को निम्न-श्रेणी कुष्ठ या बहु-श्रेणी कुष्ठ रोग में विभाजित किया गया है। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग का सबसे बड़ा नुकसान शरीर का कुरूप होना या विकृत होना है। शरीर पर तेल और पानी की मालिश त्वचा को रूखा होने से बचाती है। हाथ-पैरों को आधे घंटे तक पानी में डुबाकर रखना चाहिए।

प्रभावित क्षेत्र पर व्यायाम किया जाना चाहिए। यदि किसी रोगी की त्वचा पर चकत्ते हैं जो सुन्न हैं और ठीक नहीं हो रहे हैं, तो इसकी तुरंत जांच की जानी चाहिए।  डिप्टी मास मीडिया ऑफिसर रमनदीप कौर ने कहा कि यदि कुष्ठ रोग का शीघ्र निदान किया जाए और बिना नागा एमडीटी का पूरा कोर्स किया जाए, तो कुष्ठ रोग को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है और शीघ्र उपचार से विकलांगता से भी बचा जा सकता है। एम.डी.टी. सरकार द्वारा प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है।

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