होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। नेत्रदान व शरीरदान के प्रति बढ़ रही जागरुकता ही कार्निया ब्लाइंडनैस को दूर करके पीडि़तों को नई रोशनी देने तथा मैडीकल साइंस को बढ़ावा देने का सबसे उत्तम कार्य है। इसके द्वारा जहां कई लोगों को नई रोशनी मिल रही है वहीं मरणोपरांत शरीरदान से मैडीकल की पढ़ाई कर रहे बच्चों को प्रैक्टिकल करने में भी मदद मिलती है। उक्त बात रोटरी आई बैंक एवं कार्निया ट्रांसप्लांटेशन के प्रधान व प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा ने कही। उन्होंने बताया कि अजीत सिंह (78) निवासी गोकल नगर होशियारपुर द्वारा मरणोपरांत नेत्रदान करने के साथ-साथ शरीरदान भी किया गया। जिसे रोटरी आई बैंक के माध्यम से सरकारी मैडिकल कालेज पटियाला भेजा दिया गया। इस दौरान नेत्रदान लेने की प्रक्रिया को थिंद आई अस्पताल जालंधर के डा. अमनइंद्रपाल सिंह व उनके सहायक डा. प्रमोद कलसी ने पूरा किया। इस मौके पर संजीव अरोड़ा ने परिवार का कोटि-कोटि आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अजीत सिंह का यह कदम प्रेरणास्रोत है और आज के दौर में यह सच्ची मानव सेवा है।
श्री अरोड़ा ने कहा कि नेत्रदान एवं शरीर दान मरणोपरांत किए जाने वाले दान है और इसके लिए समाज में जागरुकता से ही यह सब संभव हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि स्व. अजीत सिंह द्वारा शरीरदान किए जाने के साथ ही अब तक 24 पार्थिव देह मैडिकल रिसर्च के लिए विभिन्न मैडिकल कालेजों में दान की जा चुकी है। इस मौके पर चेयरमैन जे.बी बहल ने इस पुण्य कार्य के लिए नमन करते हुए इसे आने वाली पीड़ियों के लिए प्ररेणास्त्रोत बताया उन्होंने कहा कि सोसायिटी द्वारा अब तक 4000 से अधिक लोगो जो अंधेपन का शिकार थे उन्हें नई आँखें लगाकर इस सुंदर संसार को देखने के काबिल बनाया। उन्होंने कहा कि नेत्रदान संबंधी व्याख्यान हमारे शास्त्रों में भी मिलता है तथा यही एक मात्र ऐसा दान है जो मानव द्वारा मरणोपरांत करना होता है। मृत्यु अटल है और इस सत्य से हम सभी भली भांति परिचित है। इसलिए जीते-जी जहां हमें मानव सेवा करनी चाहिए वहीं मरणोपरांत नेत्रदान व शऱीरदान करके इस पुण्य के कार्य में भागीदार बनना चाहिए। इस अवसर पर अजीत सिंह पार्षद व परिवारिक सदस्य, हरविंदर कौर पत्नी प्रीत ठाकुर, ओंकार सिंह ठाकुर, बरजिंदर कौर रेहसी, कृपाल सिंह, तलविंदर सिंह व सोसायिटी की तरफ से मदनलाल महाजन, विजै अरोड़ा, कमल वर्मा व अन्य उपस्थित थे।