सेहतमंद शरीर, शांति और आत्मा उन्नति के उद्देश्य गुरु की शरण में जाने से होते हैं पूरेः आचार्य चंद्र मोहन

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़): योग साधना आश्रम मॉडल टाउन में आयोजित सत्संग के दौरान भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए आश्रम के मुख्य आचार्य चंद्र मोहन जी ने कहा कि हम भगवान के चरणों में अलग-अलग प्रकार से अपनी श्रद्धा प्रकट करने आते हैं | हम तीन उद्देश्य लेकर आते हैं; शरीर स्वस्थ रहे, मन में शांति रहे और हमारी आत्मा उन्नति करे | इन तीनों चीजों के लिए हम आश्रम में आते हैं | यह तीनों चीजें कहीं और कम ही मिलती हैं| शरीर को ठीक रखने के लिए योग के साधन और कहां मिलेंगे ? दूसरे स्थान पर अगर साधन मिल भी जायें तो फिर मन की शांति और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग नहीं मिलता |

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आश्रम में आने पर हमें गुरु पर पूर्ण विश्वास होना चाहिए तभी हम यह सब प्राप्त कर पाएंगे। राजयोग से मन भी ठीक रहता है और आत्मा की भी उन्नति होती है ‘ राजयोग का आधार यम और नियम है| इनको छोड़कर आगे नहीं बढ़ा जा सकता |पांच यम और पांच नियम है |अगर किसी एक को भी हम धारण कर लें  तो कल्याण हो सकता है | योग का रास्ता बहुत लंबा है| अगर हम सत्य की साधना करना चाहते हैं तो यह एक दिन में नहीं हो सकता| हम संतोष का भी अभ्यास करें | जो कुछ हमारे पास है उस से ही सुख प्राप्त करें |

यम नियम के बाद आसन आता है |सुख पूर्वक और स्थिरतापूर्वक बैठें अन्यथा हमारा मन नहीं लगेगा| मन के लिए प्रत्याहार भी जरूरी है| मन को जो अच्छा लगता है वह उधर ही चला जाता है| मन को एकाग्र करना भी जरूरी है | हमारा शरीर एक मंदिर है आत्मा इसमें मुख्य देवता है |

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