हम भूल जाते हैं कि हमें यह जीवन मुक्ति के लिए मिला हैः आचार्य चंद्र मोहन

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। योग साधन आश्रम मॉडल टाउन में रविवारीय सत्संग  के दौरान प्रवचन करते हुए मुख्य आचार्य चंद्र मोहन जी ने कहा कि मानव शरीर जैसा कुछ नहीं है। 84 लाख योनियों के बाद मानव शरीर प्राप्त होता है। मानव शरीर ही मोक्ष प्राप्त कर सकता है। कोई ऐसा शरीर नहीं जिसको मानव जैसा मन दिया हो। कोई ऐसा जीव नहीं जिसको ऐसी बुद्धि दी गई हो। यह बातें हमें शास्त्र बताते हैं। यह जन्म मरण से बाहर निकलने का एक रास्ता है| लेकिन हम भूल जाते हैं कि हमें यह जीवन मुक्ति के लिए मिला है।

Advertisements

शरीर मन व बुद्धि हमें मुक्ति के लिए मिले हैं। यह मौका बार-बार नहीं मिलता। इसीलिए कहते हैं जब तक शरीर ठीक है कुछ कर लो। योग द्वारा शरीर का सदुपयोग करो। शरीर के बिना हम धर्म का काम नहीं कर सकते। शरीर सदा एक जैसा नहीं रहता। इसलिए समय रहते ही कर्म करो। मन को भी वश करना बहुत मुश्किल है। मक्खी की तरह मन कहीं का कहीं उड़ जाता है। प्रभु में मन लगाओ। मन में दिव्य शक्ति है यह उड़कर कहीं भी जा सकता है। इसलिए  इसको स्थिर करने का अभ्यास करो। शरीर स्वस्थ करते हुए भी बिगड़ जाता है। मन जागते और सोते हुए भी भटक जाता है।

बुद्धि से ज्ञान प्राप्त होता है। कहते हैं बुध और दूध बिगड़ते समय नहीं लगता। योग कहता है बुद्धि को संभालो। गीता में कर्म योग को बुद्धि योग कहा है। अपनी बुद्धि को स्थिर करो। बुद्धि को गुरु के चरणों में रख दो। बुद्धि कभी खराब नहीं होगी। बुद्धि ज्ञान देती है और ज्ञान का स्रोत गुरु है। गुरु भगवान से युक्त होना चाहिए। जब हमारी बुद्धि स्थिर हो जाएगी तो हम भी भगवान से युक्त हो जाएंग, लेकिन इसके बावजूद याद रखो कि फल हमें कर्मों का मिलना है। हम कर्म करेंगे और फल भगवान देगा। कर्म मुक्ति भी दे सकता है और आवागमन भी दे सकता है। जिस प्रकार खाना स्वास्थ्य भी दे सकता है और हमें बीमार भी कर सकता है। बुद्धि से सोचे कि हम जो कर रहे हैं वह हमें आवागमन देगी या मुक्ति देगी। जो काम करते हैं अगर सात्विक ढंग से किया तो शुभ फल देगा, राजसिक ढंग से किया कर्म आत्मा को नीचे गिरा देगा और तामसिक ढंग से किया तो नरक में ले जाएगा। योग तो बुद्धि का काम है। गीता कहती है कि बुद्धि के पास जाओ वह आपको उचित बताएगी कि कौन सा कर्म ठीक है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here