धोखे से बेचा शारीरिक रुप से अक्षम चमन लाल का प्लाट, इंसाफ के लिए दर-दर भटकने को मजबूर

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। शारीरिक रुप में अक्षम 80 वर्षीय चमन लाल निवासी गांव शेरपुर गुलिंड जो पिछले छह वर्ष से इंसाफ के लिए दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है, लेकिन उसे उम्मीद के बावजूद पुलिस से इंसाफ न मिलने का मलाल है। प्रैस क्लब होशियारपुर में आयोजित प्रैसवार्ता में चमन लाल ने सरकार व जिला प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगाई है। इस अवसर पर उनके साथ इंटक दोआबा जोन के प्रधान व सचिव पंजाब प्रदेश कांग्रेस कर्मबीर बाली भी मौजूद थे।
इस दौरान चमन लाल ने बताया कि गांव शेरपुर गलिंड में करीब छह वर्ष से गांव में एक कमरा बनाकर रह रहा है। उसने बताया ये प्लाट 52 मरले का था जिसे तीन हिस्सेदारों ने 17-17 मरले में बांट लिया। एक हिस्से मेें वह मकान बनाकर रहने लगा, लेकिन दूसरे हिस्सेंदार ने पहले अपना प्लाट बेचा और धोखे से गलत दस्तावेज तैयार करवा कर उसका प्लाट भी बेच दिया। इस बात का पता चलने पर वह इंसाफ के लिए पुलिस व अन्य संबंधित विभागों में इंसाफ के लिए भटक रहा है, लेकिन आज तक उसे इंसाफ नहीं मिला।

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उसने बताया कि वह शारीरिक रूप में अक्षम होने के कारण वह अधिक दौड़भाग भी नहीं कर सकता, परंतु बावजूद इसके उसे इंसाफ मिलना तो दूर उसकी बात सुननी भी जरुरी नहीं समझी जा रही। चमन लाल ने बताया कि वह इंटक नेता कर्मबीर को साथ लेकर इस मामले संबंधी जिला पुलिस प्रमुख से भी मिल चुके है।
कर्मबीर बाली ने जानकारी देते हुए बताया कि 18 मई 2016 से चमन लाल निवासी शेरपुर गुलिंड इंसाफ को लेकर धक्के खाने को मजबूर है तथा शारीरिक तौर पर अक्षम होने के कारण चलने फिरने को मजबूर है। कर्मबीर बाली ने कहा कि चमन लाल का बिजली, पानी का मीटर तोड़ दिया व छत भी गिरा दी जिसकी दरखास्त थाना बुल्लोवाल को दी गई परंतु वहां से इसे इंसाफ नहीं मिला। 4 मई 2017 को चमन लाल ने अपनी दरखास्त एस.एस.पी. होशियारपुर को दी व एस.एस.पी. साहिब ने इसकी जांच डी.एस.पी. स्पैशल ब्रांच को सौंप दी।

वहां से फिर इसकी दरखास्त बुल्लोवाल भेज दी गई। थानों में मिली भगत से पीडि़त को और प्रताडि़त किया जाता है उल्टा उसे ही थाने में बुलाने को मजबूर किया जाता है। चमन लाल जो शरीरिक रुप में अक्षम व चलने फिरने में असमर्थ है उसे परेशान करने में पुलिस ने कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने बताया मामले की जांच के बाद 14-7-2017 को उनका राजीनामा हुआ ओर आरोपी द्वारा पांच लाख रूपये उसे देने कबूले थे, लेकिन आज फिर इतना समय गुजरने के बाद वो आरोपी पैसे देने मे आनाकानी कर रहा है और उसे धमकियां दे रहा है। कर्मबीर बाली ने कहा अगर पुलिस चमन लाल को जल्द इंसाफ न दिलाया तो संघर्ष का रास्ता अपनाया जाएगा जिसकी जिम्मेवारी पुलिस व प्रशासन की होगी।

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