सेंट जोसफ स्कूल होशियारपुर में हंगामा, बढ़ी फीसों के विरोध में अभिभावकों ने की नारेबाजी

scul-प्रिंसिपल ने अभिभावकों से कार्यालय में मिलने से किया इंकार-ट्रांसपोर्ट की बढ़ी फीसों के विरोध में बात करने पहुंचे थे अभिभावक-होशियारपुर। होशियारपुर-चंडीगढ़ मार्ग पर स्थित सेंट जोसफ स्कूल में आज उस समय हंगामा हो गया जब अभिभावक ट्रांसपोर्ट की फीस बढ़ाए जाने के विरोध में प्रिंसिपल से मिलने का प्रयास किया और प्रिंसिपल ने मिलने से ही इंकार कर दिया। इससे गुस्साएं अभिभावकों ने प्रिंसिपल और स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली और नारेबाजी की। अभिभावकों का कहना था कि स्कूल प्रशासन आए दिन अपनी मर्जी से फीसों में बढ़ोतरी करता रहता है तथा अभिभावकों की कोई सुनवाई नहीं की जाती।

Advertisements

scul1

जानकारी अनुसार सेंट जोसफ स्कूल द्वारा ट्रांसपोर्ट की फीसों में बढ़ोतरी के विरोध में अभिभावकों ने प्रिंसिपल से बात करने का प्रयास किया तथा उनके कार्यालय पहुंचे। मगर प्रिंसिपल ने कार्यलय में मिलने से इंकार करते हुए सभी को बैठक हाल में बात करने के लिए पहुंचने को कहा। परन्तु, बैठक हाल में जब करीब 20 मिनट तक प्रिंसिपल नहीं पहुंची तो अभिभावकों का सब्र टूटने लगा और उन्होंने अपना रोष व्यक्त करते हुए नारेबाजी करनी शुरु कर दी। अभिभावकों का बढ़ते गुस्से को देखते हुए काफी समय बाद जब वाइस प्रिंसिपल आईं तो उन्होंने अभिभावकों से मांगपत्र लेने से इंकार कर दिया, परन्तु अभिभावकों के रोष के आगे उसे झुकना पड़ा और उन्होंने मांगपत्र लिया।

scul3

अभिभावकों ने बताया कि स्कूल वालों ने बसों का भाड़ा प्रति बच्चा 250 रुपये प्रतिमाह बढ़ा दिया है। जिसे वापस करने की मांग को लेकर आज अभिभावक प्रिंसिपल से बात करने पहुंचे थे, मगर उन्होंने बात करने के इंकार कर दिया। इस दौरान अभिभावकों ने बताया कि कुछ समय पहले भी इस संबंध में प्रिंसिपल से बात करने की कोशिश की गई थी, परन्तु उन्होंने इसका हल निकालने की बजाए उन्हें दो टूक जवाब दे दिया था कि ट्रांसपोर्टरों के साथ उनका कोई लेना देना नहीं है। अब सवाल यह पैदा होता है कि अगर स्कूल प्रशासन का ट्रांसपोर्टरों के साथ कुछ लेना देना नहीं है तो वे इनके स्कूल के बच्चों को क्यों लेकर व छोडक़र आते हैं तथा उन्होंने अपनी बसों पर स्कूल का नाम किस अधिकार से लिखा रखा है। अभिभावकों ने जिला प्रशासन से मांग की कि स्कूल की मनमानी रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं तथा प्रिंसिपल को यह निर्देश जारी किए जाएं कि वे कम से कम अभिभावकों के साथ बात तो करे। अगर प्रिंसिपल ही बात नहीं करेंगे तो वे अपनी समस्या किसको बताएंगे। उन्होंने कथित तौर पर आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधक मिलीभगत करके अभिभावकों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं, जिसे किसी भी सूरत मं बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here