मनुष्य को सुखदाई जीवन जीने के लिए मैं, मेरी व अहंकार को छोडऩा होगा: महात्मा अजमेर संधू

होशियारपुर/गढ़दीवाला (द स्टैलर न्यूज़)। संत महापुरुषों पुरुषों की संगत मनुष्य के जीवन को सुधारने में योगदान देती है तथा मनमत वाले इंसानो की संगत करने से जिंदगी नर्कमयी बन जाती है । उक्त विचार संत निरंकारी मिशन के जोनल इंचार्ज महात्मा अजमेर सिंह संधू जी ने संत निरंकारी सत्संग भवन गढ़दीवाला में इंचार्ज महात्मा अवतार सिंह के नेतृत्व में आयोजित संत समागम के दौरान प्रकट किए। उन्होंने कहा कि गुरुमत की मर्यादाओं का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति हमेशा ही दुखी रहता है तथा दूसरों को भी दुख ही प्रदान करता है । मनुष्य को सुखदाई जीवन जीने के लिए मैं मेरी और अहंकार को छोडक़र दूसरों का सत्कार करना चाहिए ।

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उन्होंने कहा कि इंसानी जीवन का मुख्य उद्देश्य प्रभु की जानकारी करना है तथा जानकारी के बाद परमात्मा को देख कर इसका अहसास करके सिमरन करना ही असल में भक्ति है । सतगुरु की शरण में जाकर ज्ञान की प्राप्ति के बाद इंसान मानवता के गुणों को ग्रहण करता है क्योंकि इंसान को पता चल जाता है कि हर घट में इस निरंकार प्रभु की ज्योति है। अवगुणों को एक तरफ करके गुणों को ही ग्रहण करना ही भक्ति का मुख्य सिद्धांत है ।

 दूसरों का सम्मान करके इंसान अहंकार व अन्य अवगुणों से रहित हो सकता है । सभी में प्रभु की ज्योति को पहचानना ही समाज व घर को स्वर्ग में बनाने में अपना योगदान दे सकता है । उन्होंने कहा कि सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज की शिक्षाओ पर कर्म रूप ढाल कर इंसान मानवता के डगर पर चला जा सकता है। इस अवसर पर हरियाना ब्रांच के मुखी डा. रतन सिंह, मक्कोवाल ब्रांच के मुखी ब्रह्मदास जी, बुल्लोवाल ब्रांच के मुखी लखविंदर सुमन, भंगाला ब्रांच के मुखी अशोक कुमार जी, हरबंस सिंह जस्सल, अजमेर सिंह, जसविंदर सिंह , रेशम सिंह निहालपुर, मैनेजर देवराज जी, डा. चमन सिंह, मलकीत सिंह सहित भारी संख्या में संगत उपस्थित थे। मुख्य सचिव की भूमिका पूर्व डी.पी.आर.ओ गुरमीत सिंह ने निभाई। अंत में ब्रांच के इंचार्ज महात्मा अवतार सिंह जी ने आए हुए जोनल इंचार्ज अजमेर सिंह संधू जी व संगतो का धन्यवाद किया।

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