भाजपा नेता के खासमखासों की करतूत:कोई असले का लाइसैंस तो कोई वाटर कूलरों के नाम पर डकार गया ‘हरी पत्ती’?

downloadपंजाब (होशियारपुर)। पुलिस ने पकड़ लिया है, क्या चिट्टे का केस है? अरे! अरे! अरे! क्या असले का लाइसैंस लेना है? तो घबराते क्यों हो हम हैं न। बस पैसा खर्च करो हम तुम्हारे सभी काम करवा देंगे। अगर पुलिस ने तुम्हें उठाया है तो छुड़ा लेंगे, मुकदमा होने के बावजूद तुम्हें असला ले देंगे। यह वाक्य आजकल पंजाब स्तर के एक भाजपा नेता या यूं कहें कि मंत्री जी से जुड़े कुछ खासमखासों की जुबान से निकले चारों तरफ गूंज रहे हैं। इतना ही नहीं पुलिस तक इसकी गूंज पहुंचने के बाद अब मामलों को किसी तरह से रफा-दफा करने के प्रयास किए जा रहे हैं और खासमखासों ने जिन लोगों का काम करवाने के नाम पर पैसे लिए थे अब वे संपर्क करके उन्हें चुप रहने व पैसे वापस मिल जाएंगे का बोल कर खुद को स्वच्छ छवि का साबित करने लगे हैं। और तो और मंत्री जी से अगर कोई इस तरह की बात बताता है तो वे कुछ सुनने को तैयार ही नहीं होते। आग भले ही न लगी हो परन्तु अगर कहीं धुआं उठा है तो आग लगने के संकेत जरुर होते हैं। ऐसा ही इन दिनों भाजपा के नए-नए उठे गुट में हो रहा है। वैसे भाजपा की गुटबाजी के चलते होशियारपुर में पार्टी पहले ही नुकसान उठा रही है तो अब नए गुट के लोगों की कार्यप्रणाली को लेकर खासे चर्चे हैं कि भाई इस गुट के लोगों ने सभी को मात दे दी।

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सूत्रों की मानें तो इस गुट से जुड़े एक दलित युवा नेता ने तो एक व्यक्ति को चिट्टे के केस से निकालने के लिए लाखों डकार लिए और जब पुलिस को इस बारे में पता चला तो पुलिस ने इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए उक्त नेता की अच्छी खबर ली तथा एक भाजपा नेता की गारंटी कि वे पैसे वापस कर देगा तो उसे छोड़ा गया। एक और युवा नेता की करतूत सुनीये। नेता जी ने कई जगह वाटर कूलर लगवाए और उन्हें खरीदने व लगाने को लेकर भी सुना है खूब हल्ला हुआ और लेनदेन को लेकर कार्यकर्ताओं में आपसी मतभेद भी उभरे। जिनकी चर्चा नेता जी के दरबार में ही नहीं बल्कि राजनीतिक गलियारों खासकर गुटबंदी में काफी रही। परन्तु उस पर भी नेता जी ने पानी डाल कर सबको शांत रहने की नसीहत की। पार्टी सूत्रों की मानें तो हाल ही में उक्त नेता से जुड़े एक और युवा कार्यकर्ता की करतूत सामने आई है। जवान ने एक युवक जिस पर अदालत में मुकदमा चल रहा है को असले का लाइसैंस दिलाने के नाम पर खासी मोटी रकम वसूली और जब उसका लाइसैंस न बना तो उसने पैसे वापस मांगने शुरु कर दिए। परन्तु मंत्री जी का आशीर्वाद होने के चलते उक्त कार्यकर्ता ने उसे धौंस भी दिखाई, परन्तु जब मामला पुलिस तथा मीडिया के बीच पहुंचा तो युवा नेता असला शौकीन के यहां पहुंच कर उसे शांत रहने की बात कहने लगे ताकि वह बदनामी से बच सकें और उनकी काली करतूतें जगजाहिर न हों।

एक नेता ने ऐसे लोगों को रखा था पार्टी से दूर!

कार्यकर्ताओं की हरकतों से ऐसे क्यास भी लगाए जाने लगे हैं कि कुछ कार्यकर्ता अपनी जेबें भरने के लिए ही नेता जी के साथ जुड़े हैं व पार्टी हितों से उन्हें कुछ लेना देना नहीं है। शायद उनकी ऐकी हरकतों को देखते हुए ही एक नेता ने इन्हें बहुत पहले ही पार्टी से दूर रखा था।

ग्रांट हिस्सा मांगने वाले की भी सुगबुगाहट हुई थी?

हाल ही में इस गुट से जुड़े एक खासमखास की करतूत भी चर्चा में आई थी कि वे जनाव तो मंत्री जी द्वारा दी गई ग्रांट में से हिस्सेदारी ढूंढते फिरते हैं और हिस्सेदारी न मिलने पर काम ही शुरु नहीं होने देते। पार्टी के ऐसे कार्यकर्ता जनता के बीच पहुंच कर अपने नापाक मनसूबों को अंजाम देंगे तो आप खुद ही समझदार हैं कि पार्टी की छवि जनता में कैसी बनेगी। बहरहाल नेता जी से जुड़े चंद कार्यकर्ताओं की कार्यप्रणाली को लेकर होशियारपुर के साथ-साथ आसपास के इलाकों में खूब चर्चा है?

सच्चाई तो नेता जी जाने या खासमखास?

इन सब बातों में कितनी सच्चाई है यह तो नेता जी जाने या उनके खासमखास, परन्तु इतना जरुर है कि भाजपा के एक गुट से जुड़े कार्यकर्ताओं को अकसर यह कहकर संबोधित किया जाता है कि वे भ्रष्टाचारी है व जनता में उन्होंने पार्टी की छवि को धूीमिल किया है। परन्तु आज जब अन्य गुटों के कार्यकर्ताओं की करतूतें सामने आने लगी हैं तो ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वे बेचारे तो यूं ही बदनाम कर रखे हैं, असली भ्रष्टाचारी कौन है यह बात अब सबके सामने आ रही है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो भाजपा की छवि को सुधारने तथा देश को आगे ले जाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के सपने चूर-चूर होते देर नहीं लगेगी। इसलिए राजनीतिक माहिरों का मानना है कि मौजूदा समय में भाजपा के सभी गुटों कगो एकजुट होकर चलने की जरुरत है वहीं ऐसे लोगों को पार्टी से दूर करने में ही भलाई है।

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