होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। सिविल अस्पताल होशियारपुर में देर सांय जच्चा-बच्चा वार्ड में उस समय हंगामा हो गया जब गर्भवती महिला को डिलिवरी के लिए बैड न देने पर प्रसव के दौरान उस महिला ने फर्श पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। इस घटना के बाद अस्पताल में मौजूद डाक्टर, नर्स, और आशा वर्करों ने अपनी लापरवाही छुपाने के लिए जहां महिला व उसके परिजनों को धमकाना शुरू कर दिया वहीं इस बात का पता चलने पर मौके पर पहुंचे पत्रकारों के साथ भी उन्होंने बदसलूकी करने से परहेज नहीं किया।
अपनी गलती को मानने की वजाए अस्पताल स्टॉफ आपे से कुछ इस तरह बाहर हुआ कि वह अपने फर्ज को निभाना भी भूल गया। हालांकि अस्पताल में मरीजों को पेश आने वाली समस्याओं को लेकर अस्पताल प्रबंधन व स्टाफ अकसर सुर्खियों में रहता है। परंतु इस घटनाक्रम के बाद सरकारी अस्पताल से लोगों का विश्वास उठना स्वाभिक है। ऐसे मामले भविष्य में न हो उसके लिए स्वास्थ्य विभाग व पंजाब सरकार को कड़े कदम उठाए।
लापरवाही का आलम तो देखिए पता चला है कि डिलिवरी उपरांत पैदा हुए बच्चे के सर पर जख्मी होने के बावजूद बच्चे का उपचार तुरंत शुरू करना भी स्टॉफ ने जरुरी नहीं समझा। जानकारी देते महिला के पति जतिंदर शाह निवासी पुरहीरा ने बताया कि उसकी पत्नी रौशनी जिसेे वह 3-4 बजे के करीब उसे अस्पताल लेकर आया जहां पर स्टाफ नर्स ने उसे देखकर कुछ इजैक्शन लगा दिए और अपनी गर्भवती महिला के लिए बैड मांगने पर उसे साफ तौर पर कहा कि हमारे पास बैड खाली नहीं है आप बाहर बैठ जाओ और सांय 6 बजे जब महिला को जोर से दर्द होने लगा तब स्टाफ नर्स से कहा गया कि अभी रुक जाओ इसकी डिलिवरी 10 बजे तक होगी तुम इसे बाहर घूमा लाओ। कुछ ही क्षणों में महिला ने जच्चा-बच्चा वार्ड में ही घूमते हुए खड़ी अवस्था में ही बच्चे को जन्म दे दिया और बच्चा सर के बल फर्श पर गिरा जिससे नवजात शिशु के सर पर गहरी चोट आई। जबकि गर्भवती महिला बेहोश होकर गिर पड़ी।
जिस पर महिला के पति ने मीडिया कर्मियों को फोन किया जब मीडिया कर्मी वहां पर पहुंचे तो मीडिया कर्मी ने स्टाफ नर्स से जच्चा और बच्चा के बारे में पूछा तो मीडिया कर्मियों पर भडक़ पड़ी और आप कौन होते है पूछने वाले अपना लाईसेंस दिखाओ और खुद अपना मोबाइल निकालकर मीडिया कर्मियों का वीडियो बनाने लगी।
इस उपरांत स्टाफ नर्स व आशा वर्करों ने अपनी नालायकी को छुपाते हुए वहां शोर मचाना शुरू कर दिया कि मीडिया कर्मी यहां पर क्यों आए इनको क्या अधिकार है यहां आने का। इतना घटनाक्रम होने के बावजूद भी सिविल अस्पताल का कोई भी उच्चधिकारी वहां पर नहीं पहुंचे। लापरवाही की इस घटना के बाद भी महिला को बैड नहीं दिया गया। वहां पर मौजूद पत्रकारों के कहने पर उसे किसी अन्य मरीज के साथ उसको बैड शेयर करवा दिया गया।
मौके पर पहुंची थाना माडल टाऊन के सब इंस्पैक्टर देस राज ने मामले की जानकारी ली।