भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण वनवास के लिए हुए रवाना, अश्रुधारा नहीं रोक पाए श्रीराम भक्त

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्री राम लीला कमेटी होशियारपुर की तरफ से करवाए जा रहे श्री राम लीला मंचन के नौंबे दिन का मंचन भी बहुत ही मार्मिक रहा। इस दौरान दिखाय गया कि किस प्रकार भगवान राम अपने पिता की आज्ञा पाकर वनवास के लिए निकले तथा इस दौरान माता सीता एवं भईया लक्ष्मण भी उनके साथ थे। अपने प्रभु को इस तरह से वनवास पर जाता देख अयोध्या नगरी के साथ-साथ पूरी सृष्टि अश्रुधारा से भीग गई। नंगे पांव भगवान जब राजमहल से निकले तो उनके पीछे सारी नगरी की प्रजा चल पड़ी। प्रजा का स्नेह देखकर भगवान ने उन्हें समझाया और अयोध्या में रहने की बात कही।

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वनवासी भेष में अयोध्या नगरी से प्रभु राम पिता की आज्ञा से वनवास के लिए निकल पड़ते हैं। सरजू नदी के किनारे पहुंचे तो केवट को उनके आगमन का समाचार मिला। जिसे पाकर वह गदगद हो गया और प्रभु के दर्शनों को दौड़ा आया। भगवान ने उसे सरजू नदी पार करवाने की बात कही तो केवट ने कहा कि प्रभु आपके चरण किसी जादूगर जैसे हैं, क्योंकि आपके पैरों के स्पर्श से एक पत्थर नारी बन गया था, कहीं मेरी नांव भी आपके पैरों के स्पर्श से परिवर्तित न हो जाए। हे प्रभु मेरी नांव ही मेरा रोजगार है और मेरा परिवार इसी के सहारे पलता है।

केवट ने प्रभु की कृपा प्राप्त करने के लिए उनके चरण धोने की बात कही, जिस पर प्रभु मान गए और केवट ने बहुत ही प्रेमपूर्वक प्रभु के चरण धोए और जन्म-जन्म के पापों से मुक्ति प्राप्त की। यह दृष्य इतना मार्मिक था कि देखने वालों की आंखें नम हो गईं। श्री राम लीला के मंचन में सनातन धर्म स्कूल से भगवान ने यात्रा शुरु की और मोहनानंद की बगीची में पहुंचे।

इस मौके पर प्रधान शिव सूद, गोपी चंद कपूर, प्रदीप हांडा, आर.पी. धीर, डा. बिन्दुसार शुक्ला, कमल वर्मा, राजिंदर मोदगिल, कृष्ण गोपाल आनंद, राकेश सूरी, राकेश डोगरा, अश्विनी गैंद, निपुण शर्मा, अश्विनी शर्मा, नरोत्तम शर्मा, मनोहर लाल जैरथ, मनोज दत्ता, लेक्चरार कृष्ण गोपाल, पंडित मुकेश कालिया, शिव कुमार काकू, वरुण कैंथ, रघुवीर बंटी नंबरदार, विपुल वालिया, दीपद शारदा, हैप्पी नैय्यर, तरसेम मोदगिल, भगत विजय, राज कुमार रामा, दीपक वालिया, शिव जैन, योगेश कुमरा, संजीव ऐरी, दीप वालिया, पिंकी सूद एवं कुनाल आदि सहित बड़ी संख्या में पहुंचे श्रीराम भक्तों ने श्री राम लीला का मंचन देखा और प्रभु की महिमा का गुणगान किया।

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