आवासीय आवंटन की बैठकों पर लगा प्रश्नचिन्ह, कर्मचारी महासंघ हुए आमने सामने

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हमीरपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। जिला मुख्यालय पर स्थित सरकारी कर्मचारियों के आवास आवंटन को लेकर मामला कोर्ट में पहुँचने के साथ ही कर्मचारी संघों की राजनीति भी गर्मा गई है। वहीं इसी मामले में कोर्ट ने जिला उपायुक्त को नोटिस जारी कर जबाव माँगा है। आरोप है कि वरिष्ठ कर्मचारियों को पूल कॉलोनी में टाइप-3 आवास के बजाय टाइप-2 आवास दिए गए। जबकि नियमों के विपरीत कनिष्ठ कर्मचारियों को टाइप-3 आवास आवंटित किए गए हैं। इसी तरह का मामला जिला एवं सेशन जज हमीरपुर कार्यालय में तैनात अधीक्षक प्रथम श्रेणी के आवास के आवंटन को लेकर भी उजागर हुआ है। अधीक्षक को टाइप-4 आवास की जगह टाईप-2 आवास का आवंटन कर दिया गया। मामला सामने आने के बाद कर्मचारी संघों के बयानों पर कथित राजनीति गरमाती दिख रही है।

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इसी मसले पर उपायुक्त कार्यालय कर्मचारी संघ इकाई हमीरपुर के प्रधान विकास कौंडल एवं सदस्यों ने जारी बयान में बताया कि सरकारी आवासों का आवंटन, आवास आवंटन समिति द्वारा नियमानुसार ही किया जाता है। उनका मानना है कि जिला कर्मचारी महासंघ के किसी भी प्रधान को मान्यता प्राप्त नहीं है। इसलिए वह स्वभू नेता कर्मचारी महासंघ की ओर से किसी भी तरह की टिप्पणी करने में सक्षम नहीं है। ये नेता कर्मचारियों के आवासों पर साक्ष्यों के साथ क्या बता सकते हैं कि सामान्य पुल में केवल 143 आवास हैं जिनमें से केवल 20 ही उपायुक्त कार्यालय के कर्मचारियों के पास है। उधर हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला हमीरपुर के अध्यक्ष अरविंद मोदगिल व महासचिव मिलाप शर्मा ने बताया कि जिस तरह आवासीय भवनों के आवंटन में धाँधली के आरोप लगे हैं और मामला न्यायालय तक पहुँच चुका है, इस पर महासंघ गहरा रोष प्रकट करता है। उन्होंने बताया कि आवंटन समिति द्वारा की गई बैठक पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया है। इन्होंने जिलाधीश से माँग की है कि पिछली बैठक की कार्रवाई को रद्द कर नए सिरे से बैठक का आयोजन किया जाए ताकि आवासों का आवंटन वरिष्ठता के हिसाब से हो सके ।

-6 कर्मचारियों ने लगाए धाँधली के आरोप

अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला प्रधान सुमन बन्याल, महामंत्री प्रदीप गौतम, वरिष्ठ उपप्रधान रमेश धीमान, उपप्रधान संतोष कुमार, मनोज शर्मा और राकेश कुमार ने कहा कि सरकारी आवास समिति के हाल ही में हुई बैठक में आवास आवंटन नियमों की शरेआम अवहेलना हुई है। 20 अक्तूबर 2018 की आवास आवंटन समिति की कार्यवाही के दौरान पूल कॉलोनी में टाइप तीन भवन खाली होने के बावजूद दो सीनियर कर्मचारियों को जबरन टाइप दो आवंटित किया गया। यही नहीं नियमों के विपरीत तकनीकी विधि के एक कर्मचारी को भी पूल कॉलोनी में आवास आवंटित कर दिया।

-गलत आवंटन का मामला पंहुचा न्यायालयय तक

जिला प्रशासन पर पूल कॉलोनी के सरकारी आवास आवंटन में कोताही के आरोप लगे हैं। जिला मुख्यालय हमीरपुर में सरकारी कर्मचारियों की रिहायश के लिए बनी पूल कॉलोनी के गलत आवंटन का यह मामला अब न्यायालय में पहुंच गया है। हमीरपुर कोर्ट ने इस मामले में हिमाचल प्रदेश सरकार के माध्यम से उपायुक्त हमीरपुर, सरकारी आवास आवंटन समिति हमीरपुर, लोक निर्माण विभाग और एक अन्य को कानूनी नोटिस जारी कर जबाव माँगा है।

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