अब मंदिर निर्माण की बात नहीं होगी, वास्तविकता में निर्माण होगा: श्रीराम भक्त

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़ टीम)। श्री राम जन्मभूमि न्यास होशियारपुर इकाई की ओर से रोशन ग्राउंड में महंत 1008 श्री रमेश दास शास्त्री जी की अगुवाई में हुई विशाल धर्म सभा में हज़ारों की संख्या में आए रामभक्तों के सामने रामजन्मभूमि की भूमिका रखते हुए हरियावल पँजाब के प्रमुख राम गोपाल ने कहा की 2010 के तत्कालीन कांग्रेस द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे के आधार पर केंद्र सरकार कानून बनाये। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि का विषय पिछले साढ़े 500वर्षो से हिन्दू समाज को प्रभावित कर रहा है।उन्होंने याद करवाया कि आज सारे विश्व में गुरु नानक देव जी महाराज का 550वा प्रकाश उत्सव मना रहा है। बाबा नानक पहले ऐसे सन्त थे जिन्होंने बाबर के जुल्मों के लिए भगवान को उलाहना दिया था। अपनी बाणी में गुरु नानक देव जी ने अत्याचारी बाबर को जावर कह के बुलाया है। इसी बाबर ने भारत मे लाखों मंदिरों को तोड़ा और हिन्दू समाज को अपमानित किया है। इसमें से तीन प्रमुख मंदिर अयोध्या, मथुरा,काशी है। आज संयोग ऐसा बन रहा है कि बाबर का जुल्म समाप्त होकर इन स्थानों पर भव्य मंदिर बन कर तैयार होने वाले है।इस बात का आभास हम सबको हो रहा है।

Advertisements

राम गोपाल ने कहा कि पिछले साढ़े पांच सौ वर्षों से सन्तो व राजाओं के द्वारा जनता ने अपने आराध्य देवो के जन्म स्थानों को मुक्त कराने के लिए 76 बार युद्ध किए है, जिसमें 3 लाख से अधिक हिन्दुओ ने अपने प्राण न्यौछावर किये हैं। आज़ादी के बाद से सोमनाथ मंदिर की तरह इन तीनों स्थानों पर भी भव्य मंदिर निर्माण हेतु प्रयास हुए थे। परन्तु तत्कालीन कांग्रेस सरकार के तुष्टीकरण के कारण सम्भव न हो सका और हिन्दू समाज को अदालत की शरण में जाना पड़ा। जोकि पिछले 70वर्षों से अदालत से इंसाफ की राह देख रहा है।

राम गोपाल ने वर्तमान आंदोलन के संदर्भ में बताया कि 1984 से विश्व हिंदू परिषद के द्वारा जनजागरण कर अदालत और सरकारों पर दबाव बना कर शीघ्र मंदिर के प्रयास शुरू हुए। जिसके अंर्तगत राम जानकी रथयात्रा, 1989 में कारसेवा, 1992 में कारसेवा का आह्वान हुए।यहाँ शिलान्यास हुआ और विवादित ढांचा गिरा दिया गया तथा भगवान राम का मंदिर बन गया और पूजा चल रही है। अब इसे भव्य रूप देने के लिए कोर्ट के आदेश की प्रतीक्षा की जा रही थी। 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैल्सले मे इसे राम जन्मस्थान घोषित किया।इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गया। जिसमे 29अक्टूबर 2018 से रोजाना कार्यवाही चला कर शीघ्र निर्णय देने का आश्वासन दिया। परन्तु दुर्भाग्य की बात है कि 29तारीख को जब सारा देश राम जन्मभूमि के बारे में जानकारी चाहता था ऐसे समय मे जज का कहना ऐसे विषय हमारी प्राथमिकता में नही है। इसके बारे में जनवरी में बात करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से विश्व भर में श्रीराम के प्रति आस्था रखने वाले अत्यन्त अपमानित महसूस कर रहे हैं कि 100 करोड़ हिन्दुओं की कद्र उसका ही न्यायालय नहीं कर रहा है। इसी मामले में देश भर में विशाल धर्म सभाओं मे केंद्र सरकार को सन्त समाज यह आदेश दे रहा है कि अब हम कोर्ट के निर्णय की प्रतीक्षा नही कर सकते, तुरन्त केंद्र सरकार को मंदिर निर्माण के लिए कानून बना कर हिन्दू समाज का सम्मान करना ही होगा।

कार्यक्रम में विद्या भारती के उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री विजय नड्डा ने भी रामभक्तों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हज़ारो की संख्या में धर्म सभा मे आए लोगो की कोई राजनीतिक इच्छा नही है, जिन्होंने चुनाव लडऩा है,बल्कि यहां उपस्थित सारे रामभक्तों का एक ही लक्ष्य और मांग है कि उनके आराध्य भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण को बिना किसी देरी के शुरू किया जाए। दिल्ली में 11तारीख को शुरू होने वाले लोकसभा के शीतकालीन सत्र में सभी सांसद इस मामले में हिन्दू समाज की आवाज़ बुलंद करें और केंद्र से मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने का प्रस्ताव रखे, क्योकि इसके बाद देश का हिन्दू और प्रतीक्षा नही करेगा और न ही अपना अपमान सहेगा।

साध्वी शिवा भारती ने रामभक्तों में हुंकार भरते हुए कहा कि जो राम का नहीं वो किसी काम का नही है। यह बात केंद्र सरकार के साथ-साथ अब सुप्रीम कोर्ट को भी समझ लेनी चाहिए।

इस धर्म सभा में जिला भर से आए साधू-संतों ने भी एकमत होकर कहा कि देश की केंद्र सरकार अब हिन्दुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए अविलम्ब मंदिर निर्माण करें।हिन्दू समाज के साथ-साथ साधू समाज भी अब और इंतजार नहीं करेगा।

धर्म सभा में नामधारी समाज से सुखदेव सिंह नामधारी, दिव्य ज्योति जागृति संस्थान से स्वामी मनजीत जी, महंत छत्र गिरी जी(मुकेरियां), स्वामी शब्द प्रेमानन्द जी(दसूहा), महंत जयराम दास जी(ठाकुर द्वारा), स्वामी महादेव पूरी जी, स्वामी वेद गिरी जी(ढोलवाहा), स्वामी सीमति गिरी जी(खन्ना), स्वामी रविन्द्र नाथ जी(बजवाड़ा), स्वामी विजय दास जी(तलवाड़ा), स्वामी ज्योति देवा जी (भंगाला), स्वामी बलदेव दास जी, सीता राम जी, सुश्री देवा जी, स्वामी बलदेव जी के अलावा हज़ारो की संख्या में रामभक्त शामिल हुए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here