होशिायरपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्री हिन्दू गौरक्षिणी सभा के तत्वाधान में श्री शक्ति मंदिर में करवाई जा रही श्री भक्तमाल कथा के दौरान गौरदास जी ने भक्तिमति श्री मीरा बाई जी के पावन चरित्र का वर्णन किया।
उन्होंने बताया कि मीरा बाई जी पूर्व जन्म में द्वापर युग में माधवी नाम की गोपी थी और ठाकुर जी की इच्छा से कलियुग में मीरा बाईं के नाम से प्रसिद्ध हुई। बचपन से ही मीरा जी में भगवान श्री कृष्ण की भक्ति कूट-कूट कर भरी थी। मीरा जी को बचपन से ही उनकी भक्ति बढ़ाने में उनके दादा का बहुत सहयोग मिला। कथा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने बताया कि हमें हमेशा अच्छा और सकारात्मक सोचना चाहिए। क्योंकि, 24 घंटे में हम जो भी सोचते हैं उसमें से एक बात अवश्य सत्य होती है। गौरदास जी द्वारा गाये भजन तेरे फूलों से भी प्यार तेरे काटों से भी प्यार से उपस्थित श्रद्धालु भावविभोग हो गए।
इस मौके पर भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना, विजय अग्रवाल, मदुसूदन, मनमोहन, रविंदर, दीपक, गोपाल अग्रवाल, गुलशन राय, नागेन्द्र, सुशील सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण की। कथा के उपरांत भंडाला लगाया गया।